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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३६६ चिकित्सा-चन्द्रोदयं । (३) काली मिर्ची के साथ पकाया हुआ दूध पीना । (४) १५ गोलमिर्च चबाकर मिश्री-मिला गरम दूध पीना। (५) एक पाव गरम या कच्चे दूध १० माशे घी, ६ माशे शहद, १ तोले मिश्री और १५ दाने गोलमिर्च-सबको मिलाकर सवेरे-शाम पीना। यह नुसखा परीक्षित है। यह सूखे हुए खूनको हरा करता है और उसे अवश्य बढ़ाता है। (६) स्नान करना, खुश रहना और नींद-भर सोना । शरीरका अधिक दुबला-पतला होना भी एक रोग है। इस विषयमें हम "चिकित्सा-चन्द्रोदय" पहले भागके पृष्ट १६४-१६६ में लिख पाये हैं। प्रसंगवश यहाँ भी दो-चार दवाएँ शरीर पुष्ट और मोटा करनेकी लिखते हैं: (१) असगन्ध, काली मूसली और सफ़ेद मूसली—इन तीनोंको बराबरबराबर लेकर गायके दूधमें पकायो । जब दूध सूख जाय, उतारकर धूपमें सुखा लो। फिर सिलपर पीसकर, चूर्णके बराबर शक्कर मिलादो और रख दो। इसमेंसे हर दिन दो-अढ़ाई तोले चूर्ण लेकर खाओ और ऊपरसे गायका दूध पीश्रो । यह नुसखा दुबली स्त्रियोंको विशेषकर मोटा करता है। परीक्षित है। (२) हर दिन दूधमें रोटी चूरकर खानेसे भी शरीर मोटा होता है। (३) मीठे बादामकी मांगी, निशास्ता, कतीरा और शक्कर बराबर-बराबर मिलाकर रख लो । इसमेंसे, तोले-भर चूर्ण, दूधके साथ, नित्य खानेसे खून बढ़कर शरीर मोटा होता है। दूसरा कारण । (२) अगर सर्दीके कारण खून गाढ़े दोषोंसे मिलकर, गाढ़ा हुआ होगा और उसकी वजहसे मासिक धर्म होना बन्द हुआ होगा, तो स्त्रीका शरीर सुस्त रहेगा, उसके बदनका रङ्ग सफेद होगा, नसोंका रङ्ग नीला-नीला चमकेगा, पेशाब ज़ियादा आवेगा, आमाशयके पचावमें गड़बड़ होनेसे कफ-मिला मल उतरेगा, नीदमें भारीपन होगा और खून-हैज़ या आर्तव अगर आवेगा, तो पतला होगा। रोग-नाशक उपाय । (१) मवादको नर्म करनेवाली चीजें--पारा प्रभृति युनिसे दो, जिससे गाढ़े दोष छुट जायें। For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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