SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युज ८७५ युवतिपाशः पूछना, प्रश्न करना। ०कहना, बोलना। तैयार करना। ०चखना, उपभोग करना। युज् (वि०) जुड़ा हुआ, संबद्ध। (सम्य० ४७) युज्जानः (पुं०) [युज्+शानच्] रथवान, सारथि, वाहक, चालक। युत (भू०क०कृ०) [युत+क्त] सम्मिलित, जुड़ा हुआ। युतकं (नपुं०) [युत कन्] संयुक्त, मिलाप, मिलन। युगल। संगमा मित्रता, मैत्री। युतिः (स्त्री०) [युक्तिन्] संगम, मिलन, मिलाप, भेंट। जोड़, योग। समीपता, संयोग। सामीप्यं संयोगो वा युतिः। (धव० १३/३४८) संयुक्ति, स्पष्ट योग। युद्धं (नपुं०) [युध्+क्त] संग्राम, समर, लड़ाई। (सम्य०६५) संघर्ष, द्वन्द्व। (सम्य० ७६) भिडन्त, आपसी संघर्ष। युद्धकारिन् (वि०) संग्रामशील, लड़ाई करने वाला। युद्धकार्य (नपुं०) संग्राम का कार्य। (जयो०वृ०८/२) युद्धगत (वि०) संग्राम को प्रात। युद्धघोषः (०) संग्राम की घोषणा। युद्धजनित (वि०) युद्ध में संलग्न। (जयो०८/१३) युद्धटंकारः (पुं०) संग्राम की गूंज युद्धदण्डः (पुं०) संग्राम पद्धति। युद्धपटहः (पुं०) युद्ध घोष। (जयो० ८२२) युद्धभय (वि०) लड़ाई से डरने वाला, संषर्घ से डर। युद्धभीति (स्त्री०) संघर्ष से डर। युद्धभू (स्त्री०) रणक्षेत्र, संग्राम स्थल। युद्धभूमि (स्त्री०) युद्धस्थल, संग्राम क्षेत्र। युद्धरङ्गः (पुं०) रणक्षेत्र, लड़ाई का मैदान। युद्धवीरः (पुं०) योद्धा, शूरवीर, जांबाज़, रणबांकुर। युद्धसंलग्न (वि०) युद्ध में लीन, संग्राम में तत्पर। (जयो० ८/१३) युद्धसूचक (वि०) युद्ध घोष करने वाला, संग्राम की घोषणा/रण की सूचना देने वाला। (जयो०व०८/३) युद्धस्थलं (नपुं०) संग्राम स्थान, रणस्थान, रणभूमि। (जयो० ८/४) रणांगण युद्धभू, युद्धधरा। (वीरो० २/४१) अद्य युद्धस्थले धैर्य दृश्यतेऽमुष्य तेजसः। मम वा यमवाक् सन्धाकारयाऽऽयुधधारया।। (जयो० ७/२७) युद्धागत (वि०) युद्ध में आया हुआ। युद्धाचरणं (नपुं०) युद्ध का आचरण। (जयो० १२/१०७) युद्धाभिलाषिन् (वि०) युद्धार्थिन्, युद्ध की इच्छा करने वाला। (जयोवृ० ३/१००) युद्धाभ्यासः (पुं०) संग्राम की शिक्षा, संग्राम का अध्ययन। युद्धार्थिन् (वि०) युद्धाभिलाषी, युद्ध का इच्छुक। युद्धेच्छुक (वि०) युद्ध चाहने वाला। युध् (अक०) लड़ना. संघर्ष करना, युद्ध करना, द्वन्द्व करना। (जयो०वृ० १/१८) युधानः (पुं०) [युध्+आनच्] योद्धा, बहादुर, रणवीर, रणबांकुरे। युधिष्ठिरः (पुं०) पाण्डुपुत्र, पाण्डु की अग्रज सन्तान। ___(जयो० १/१८) युधिष्ठिर (वि०) युद्ध में स्थिर रहने वाला। युन् (सक०) ग्रहण करना लेना, युनक्ति, गृहणाति। (जयो० २/७) युप (सक०) मिटा देना, नष्ट करना। युयुः (पुं०) घोड़ा, अश्व। युयुत्सा (वि०) [युध्+सन्+अङ्+टाप्] लड़ने की इच्छा, विरोधी इरादा। युयुत्सु (वि०) लड़ने की इच्छा वाला। युवकः (पुं०) कुमार, तरुण। (जयो०५/११) युवगणः (पुं०) तरुण समूह। (जयो० ५/२५) ईदृशे युवगणेऽथ विदग्धे का क्षती रतिपतावपि दुग्धे। (जयो० ५/२५) युवतिः (स्त्री०) तरुणी। [युवत्+ति+ङीप्] ०तलुनी/तरुणी (जयो०वृ० ३/८२) (सुद० ७/३४) ०अंगना, स्त्री। नायिका। (जयो०वृ० ४/५५) ०महिला (सुद० ८८) काठिन्यमेवं कुचयोर्युवत्याः कण्ठे ठकत्वं न पुनर्जगत्याम्। (सुद० १/३४) योषा-जो मनुष्य को दुःख से योजित करती है। 'नरं दुःखेन योजतीति युवतिर्योषा च। (भ०आ०टी० ९७९) युवतिकालः (पुं०) तरुणी काल, तरुणाई का समय। युवतिगतिः (स्त्री०) मंथन गति, तरुणी की तरह मन्द मन्द गति। युवतिनयनं (नपुं०) चपल नयन, तरुणी के नेत्र। युवतिपाश: (पुं०) तरुणीपाश। (जयो० २/१५७) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy