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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वेल्ल् १०२४ वेष्यः वेल्ल् (सक०) जाना, पहुंचना। वेल्ल् (अक०) कांपना, हिलना, घूमना, चक्कर काटना। (जयो० १९/९०) वेल्लः (पुं०) [वेल्ल्+घञ्] हिलना, कांपना। गतिशील होना, अग्रणी होना। वेल्लत (वि०) प्रलुण्ठत, घूमते हुए। (जयो० १३/९०) वेल्लनं (नपुं०) [वेल्ल्+ल्युट] हिलना, कांपना। वेल्लहल: (पुं०) लम्पट, लालची। वेल्लिः (स्त्री०) [वेल्ल्+इन्] लता। वेल्लित (भू०क०कृ०) [वेल्ल+क्त] ०कंपायमान, हिलाया हुआ। टेढ़ा-मेढ़ा। वेवी (सक०) जाना, प्राप्त करना, ग्रहण करना। गर्भधारण करना। ०व्याप्त करना। डाल देना, फेंकना। ०लाना। वेशः (पुं०) [विश्+घञ्] ०प्रवेश, घुसना जाना, ०पहुंचना, ०अंदर होना। घर, आवास, निवास स्थल। ०चकला। ०परिधान, वेशभूषा, वस्त्र, कपड़े। वेशकः (पुं०) [विश्+कन्] गृह, घर। आवास। वेशन्तः (पुं०) [विश्+अच्] पोखर, तालाब। वेशवार: (पुं०) मिर्च, लवणादि मसाला। (जयो० १२/३०) वेशिन् (नपुं०) शृंगार, अलंकरण। (जयो० १०/७१) वेशरः (पुं०) खच्चर, गधा। वेशवान् (वि०) ललितवस्त्राभूषण विहित। (जयो० ५/२६) वेशिनी (पुं०) प्रकशिनी। (जयो० २/४३) वेश्मन् (नपुं०) [विश्+मनिन्] घर, निवास स्थल। भवन, आवास। वेश्मकर्मन (नपं०) घर निर्माण, गह बनाना। वेश्मकलिंगः (पुं०) एक पक्षी। वेश्म नकुलः (पुं०) छछूदर। वेश्मभू (स्त्री०) भूखण्ड, गृहभूमि। वेश्यं (नपुं०) [विश्+ण्यत्] चकला, वेश्यालय। वेश्या (स्त्री०) [वेशेन पण्ययोगेन जीवति-वेश+यत्+टाप] गणिका, पण्यइच्छुका। ०कामुका, रण्डी। वेश्याचार्यः (पुं०) भडुवा, लौंडा, गांडू। वेश्याश्रयः (पुं०) वेश्यालय, चकला। वेश्यावशी (वि०) वेश्या के आधीन। (सुद० २१) वेश्यायगासीत (वि०) वेश्या के द्वारा सेवित। (वीरो० १७/२१) वेश्यासुता (पुं०) वेश्या की पुत्री। (वीरो० १७/१८) वेषण (नपुं०) [विष्+ल्युट] स्वामित्व, आधीनता। वेषम्य (वि०) विषमता। (सुद० २/३) 'दृशो न वेषम्यमगात्कुतोऽपि स पाशुपत्यं महदाश्रितोऽपि। (सुद० २/३) वेष्ट (सक०) घेरना, लपेटना। मरोड़ना, वस्त्र पहनाना। वेष्टः (पु०) घेरा, लपेटना। ०बाड़। ०पगड़ी। वेष्टकः (पुं०) बाड़, बाड़ा, घेरा। ___०लौकी। वेष्टकं (नपुं०) पगड़ी। ०चादर। गोंद, रस। ०तार पीन। वेष्टनं (नपुं०) [वेष्ट्+ल्युट्] ०लपेटना, घेरना। ०अंगूठी। ओढ़नी। ०संदूक। ०पगड़ी। ०बाड़ा, घेरा। ०तगड़ी, कमरबन्द। ०पट्टी। ०गुग्गुल। ० नृत्य की एक मुद्रा। वेष्टनकः (पुं०) [वेष्टन्+कन्] संभोग की एक स्थिति। मिथुन क्रीड़ा। वेष्टित (भू०क०कृ०) [वेष्ट्+क्त] आवृत्त। (जयो० ३/३६) घेरा हुआ, बांधा हुआ, लपेटा हुआ। लिपटा हुआ। रोका हुआ। विघ्न डाला हुआ। सुसज्जित किया हुआ। वेष्यः (पुं०) जल, वारि, पानी। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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