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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वेदिकी १०२३ वेलारण्य वेदिकी (वि०) ज्ञानवती, वेदिनी, वेदज्ञातृ। (जयो०वृ० १४/९) वेधसं (नपुं०) हथेली का भाग। वेदिन (पुं०) [विद् णिनि] ज्ञाता, प्राज्ञ। वेधात्मक (वि०) संवेदन लाने योग्य। (सम्य०३१) व्याख्याकार, विवेचक। | वेधित (भू०क००) [वेध+इतच] छिद्रित, बींधा हुआ, छेदा वेदिन् (पुं०) ज्ञानी पुरुष, ०माहण, ब्राह्मण। गया। वेदिनी (वि०) संवेदन कत्री। ज्ञात करने योग्य। वेप् (अक०) कांपना, हिलना। वेपते (जयो० २५/७१) घबराना, वेदिसः (पुं०) एक द्रव्य विशेष। (जयो० ६/३१) डरना (जयो०वृ० ६/२४) 'स्वार्थक प्रत्ययः सत्प्रकम्पवती' वेदिलिम्पनं (नपुं०) चबूतरा का लिम्पन, आंगन का लींपना। (जयो० १७/३०) गोमयेन खलु वेदिलिम्पनप्रायकर्म लभतामितो जनः । वेपथुः (स्त्री०) [वेप्+अथुच] प्रकम्पन। (जयो० १७/३०, (जयो० २/७८) १२/७६) वेदी (स्त्री०) वेदी, मूर्तियुक्त स्थान, अर्हत् विराजित उच्च ०थरथरी, कंपकपी। आसन। 'वेदी मनोहरतमा समगान्नवीनामालोकितुं दृगमुकस्य ०कंपन। मुदामधीना। (जयो० १०/९४) .. वेपथुकारिक (वि०) कम्पन उत्पन्न करने वाली। (भक्ति०१४) ०वेदी देवाधिकरण भूता परिष्कृता भूमिः' (जयो०वृ० वेपथुनिमित्तं (नपुं०) कम्पका कारण। (जयो०७० ७/२०) १०/९३) वेपनं (नपुं०) कांपना, थरथराना। वेद्य (वि०) [विद्+ण्यत्] जानने योग्य। (दयो० ३१) वेमन् (पुं०/नपुं०) करघा, खंड्डी । वेदनीय (सम्य० ८४) 'क्षान्ति शौचमिति सदवेद्यस्य' वेमपाक (वि०) ओजस्विता का परिणाम। (जयो० ३/१७) (सम्य०८४) वेरः (पुं०) शरीर। ०व्याख्येय, शिक्षणीय। ०केसर। (जयो० ५/२०) विवाह योग्य, परिणय योग्य। ०बैंगन। वेधः (पुं०) [विध्+घञ्] छेद करना, बींधना। नासिकादि बेधन। | वेरम् (नपुं०) ०देह काय। केशर, बैंगन। छिद्रयुक्त बनाना। वेरटः (पुं०) क्षुद्र व्यक्तिा गर्त, गड्ढा । वेल् (सक०) जाना, पहुंचना। गहराई। वेल् (अक०) कांपना। ०समय का माप। वेलं (नपुं०) उद्यान, वाटिका, उपवन, आरामगृह। वेधकः (पुं०) [विध्+ण्वुल्] नरक के एक प्रभाग का नाम। वेला (स्त्री०) समय, अवसर। (सुद०७३) ०कपूर। ऋतुकाल, मौसम। (सुद०७८) वेधकं (नपुं०) छेद। ०अवकाश, अन्तराला वेधनं (नपुं०) [विध ल्युट्] छेदन, बीधना। ०लहर, प्रवाह, धारा। शून्यीकरण। ०समुद्र तट। ०चुभोना, घायल करना। ०सीमा, हदबन्दी। वेधनिका (स्त्री०) [वेधनी+कन्+टाप्] अस्त्र विशेष, नुकीला भाषण, प्रवचन। शस्त्र। ०वर्मा, छेद करने का उपकरण। वेलाकलं (नपुं०) ताम्रलिप्त क्षेत्र। वेधनी (स्त्री०) [वेधन+ङीप्] छेद करने का उपकरण, वर्मा। वेलातट (नपुं०) समुद्री तट। छेदनी। वेलातिग् (वि०) वेलामति गच्छतीति। अतिकांत तट। (जयो० वेधस् (पुं०) [विधा+असुन] धाता, विधाता (जयो०७० ३/६२) ११/३९) उद्वेलित किनारा। स्रष्टा, ब्रह्मा। (वीरो० १/३६) वेलामूलं (नपुं०) समुद्री किनारा। सीमा, ०धारा का उद्गम सूर्य। स्थला मदार पादप। विज्ञ पुरुष। वेलारण्यं (नपुं०) समुद्र तटीय अरण्य। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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