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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org कुयश 66 कुयश – संज्ञा, पु० (सं० ) अपयश, दुर्नाम । कु.योग ( कुजोग ) – संज्ञा, पु० सं० (दे० ) बुरा योग या काल, दुखद ग्रह | कुयोगी - संज्ञा, पु० (सं० ) विषयानुरक्त | 'पुरुष कुयोगी ज्यों उरगारी " - रामा० । कुरंग - संज्ञा, पु० (सं०) बादामी रंग का हिरन, मृग, बरवै छंद | संज्ञा, पु० ( हि० कु + रंग -- ढंग ) बुरा लक्षण, बुरा रंग-ढंग, लाह जैसा लोहे का रंग, नीला, कुम्मैत, लाखौरी, इसी रंग का घोड़ा । वि० बदरंग, बुरे रंग का ।" "कत कुरंग श्रकुलाय" वि० । कुरंगसार - संज्ञा, पु० (सं० ) कस्तूरी, मृग-मद, कुरंग नाभि । कुरंगिनी - संज्ञा, स्त्री० ( सं० ) कुरंगिनि, हिरनी, मृगी । ૪૭૭ 1 कुरंगनयना - वि० स्त्री० यौ० (सं०) मृग के से नेत्र वाली । मृगनैनी (दे०), कुरंगनैनी । कुरंदक - संज्ञा, पु० (सं०) पीली कटसरैया, पियाँer | " I कुरंड - संज्ञा, पु० दे० (सं० कुरुविंद ) एक खनिज पदार्थ, जिसके चूर्ण को लाख श्रादि में मिलाकर शान का पत्थर बनाते हैं। कुरकी . कुर्की - संज्ञा, स्त्री० ( तु० कुर्क + ई - प्रत्य० ) कर्ज़दार या अपराधी की जायदाद का ऋण या जुरमाने की वसूली के लिये सरकार द्वारा जब्त किया जाना । कुरकुट-कुरकुटा - संज्ञा, (दे०) टुकड़ा, रवा, कड़ा, मोटा अन्न. रोटी का टुकड़ा । यौ० कौरा - कुरकुटा 66 - प० भीखहि चहा ( सं० कुक्कुट ) मुर्गा | कुरकुर -- संज्ञा, पु० (अनु० ) खरी वस्तु के दबकर टूटने का शब्द | कुरकुरा - वि० पु० ( हि० कुरकुर ) खरा, करारा, कुरकुराने वाला । वि० स्त्री० कुरकुरी | संज्ञा, स्त्री० पतली हड्डी । कुरकुराना - प्र० क्रि० ( अनु० ) कुरकुर शब्द करना, टूटना | | जूड़ कुरकुरा । संज्ञा, पु० दे० | कुरसी कुरच - संज्ञा, पु० (दे० ) क्रौंच (सं० ), टिटिहरी । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुरता - कुर्ता-संज्ञा, पु० ( तु० ) एक पहिनने का ढीला वस्त्र | संज्ञा, स्त्री० ( तु० कुरता ) कुरती - स्त्रियों की फतुही । कुरना* - अ० क्रि० (दे० ) कुरलना, (सं० कलरव ) मधुर स्वर से पक्षियों का बोलना, ढेर लगाना, कुरवना (दे० ) । " जसुदा की को एक बार ही कुरै परी " - देव० । कुरबक संज्ञा, पु० ( सं० ) कटसरैया औषधि । - वि० ( ० ) निछावरया बलिदान कुरबानदिया हुआ । मु० - कुरबान जाना ( होना ) — निछावर या बलि होना । कुरबानी - संज्ञा, स्त्री० (०) बलिदान । कुरर – संज्ञा, पु० (सं० ) गिद्ध जाति पत्ती, कराँकुल, क्रौंच, टिटिहरी, कुररा (दे० ) । स्त्री० कुररी - श्रार्या छंद का एक भेद, टिटिहरी, भेड़, चील्ह, भेषी । "1 3. रलना* - श्र० क्रि दे० (सं० कलरव ) कुरना, पक्षियों का मधुर स्वर करना । खूदहिं, कुरलहिं जनु सब हंसा"कुरला - संज्ञा स्त्री० (दे०) क्रीड़ा, कुल्ला कुरला - काम करे मनुहारी " प० । कुरव - वि० (सं०) बुरा शब्द करने वाला । संज्ञा, पु० बुरा शब्द | -प० । 1 "6 कुरवना स० क्रि० ( हि० कूरा ) राशि लगाना, ढेर करना | कुरवद - संज्ञा, पु० ( दे० ) कुरुविंद । कुरवारना स० क्रि० (दे० ) खोदना, खरोंचना । " सुख कुवारि फरहरी खाना "" - प० । 1 कुरसी - (कुर्सी) -संज्ञा, स्त्री० ( ० ) पीछे टेक या सहारे की पटरी लगी हुई एक प्रकार की ऊँची चौकी । यौ० आराम कुरसी - लेटने की बड़ी कुरसी, वह ऊँचा चबूतरा जिस पर इमारत बनाई जाती है, पीढ़ी, पुश्त, मकान की नींव की ऊँचाई । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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