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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra नीसून www.kobatirth.org ३२२ प्रभावक्षेपहर और वायुनिस्सारक | मात्रा - आधा से ३ बुंद ( ०३ से २ घन शशिमीटर ) । वह टिंकचूरा कैम्फोरी कम्पोजिटा, टिंकचूरा श्रोपियाई एमोनिएटा और निम्नोल्लिखित मिश्रणों में पड़ता है । ( ४ ) स्पिरिटस एनिसाई ( Spiritus anisi ) - ले० । स्पिरिट ऑफ एनिस ( Spirit of anise ) - ६० । रुह अनीसूं, रूह बादियान रूमी | निर्माण - विधि -- श्रइल ऑफ ऐनिस १ भाग, ऐलकोहल ( १० % ) ६ भाग दोनों को मिला लें । यदि निर्मल न हो तो विचूर्णित ree मिलाकर हिलाने के बाद छान लें । प्रभाव - श्राक्षेपहर और वायुनिस्मारक | मात्रा -५ से २० बुद= ( ३ से १-२ घन शतांश मीटर )। एक वर्ष के बालक को ५ बुद | नॉट ऑफिशल योग ( Not Official Preparaticns. ) ( १ ) एलिक्सिर एनिसाई ( Elixir Anisi ) - ले० । एनिसीड कॉर्डियल ( Aniseed Cordial ) - इं० । अक्सीर अनीसून, हि नसून | निर्माण विधि - एनिथोल ३५ भाग, श्री इल ऑफ़ फेनेल ०५ भाग, स्पिरिट ऑफ़ बिटर श्रमंड १२५ भाग, ऐलकोहल ( १०) २४ भाग, सिरप ६२५ भाग, मैग्नेशियम कार्बोनेट १५ भाग, डिस्टिल्ड वाटर श्रावश्यकतानुसार या इतना जितने में सारी औषध पूरी १०० भाग हो जाए । मात्रा - मध्यम मात्रा बालकों के लिए १५ बुंद= ( १ घन शतांश मीटर ) । (२) एसेंशिया एनिसाई ( Essentia Anisi ) - ले० । एसेन्स श्रॉफ एनिस (Essence of Anise)-इं० । रूह अनीसून, रूह बादियान रूमी | निर्माण-विधि - ऑइल ऑफ़ एनिस १ ! Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir असून भाग, रेक्टिफाइड स्पिरिट ४ भाग दोनों को मिला लें । (मि० फा० सन् १८८५ ई० के अनुसार) । नोट - उपयुक स्पिरिटस एनिसाई की अपेक्षा इस एसेंस की शक्ति लगभग द्विगुण है । (३) एनिसिक एसिड ( Anisic Acid ) - श्रनीसूनाम्ल, अनीसून की तेज़ाब । हम्ज़ल अनीसून, तेज़ाब बादियान रूमी | श्रीसून के तैल वा सत्व को ऑक्साइड ( उष्मद) करने से यह अम्ल प्राप्त होता है । . इसके चमकदार, वर्णरहित एवं सूचिकाकार पतले रवे होते हैं | ( ४ ) सोडियम् पनिसेट ( Sodium Anesate ) - यह एक रवादार एवं सूक्ष्म सुगन्धिमय चूर्ण होता है जो सोडियम् को एनिसिक एसिड में मिलाने से बनता हैं । घुलनशीलता -‍ में और एक भाग २४ भाग ऐलकोहल (१०%) में विलेय होता है। -यह एक भाग १ भाग जल 1 नोट- कहते हैं कि एनिसिक एसिड ( श्रनीसूनाम्ल ) और सोडियम एनिसेट सैलिसिलिक एसिड के समान पचननिवारक और ज्वरघ्न प्रभाव रखते हैं । एनीथोल (Anethol.) श्रर्थात् नसून का सत्व (Anethol ) - ले० । एनिस कैम्फर ( Anise Camphor ) - इंο| नसून सत्व, अनीसून कर्पूर - हिं० । जौहर अनीसून, कार अनीसून | यह स्टियरौष्टीन अर्थात् वालेटाइल या उड़नशील तैल का सांद्रांश है । यह श्रभीसून तैल तथा बादियान खुताई हर दो तेलों से प्राप्त होता है । नोट- वॉलेटाइल ऑइल अर्थात् अस्थिर तैल में जो जम जाने वाली वस्तु होती है उसको डॉक्टरी परिभाषा में स्टियराप्टीन कहते हैं जिसका सामान्य उदाहरण कपूर है । श्रतएव श्रनीसून सत्व को भी अंगरेजी में एनिसाई कैम्फर अर्थात् श्रनीसून का कपूर कहते हैं । For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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