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________________ . १८६६ क़अ क़अ [अ०](1)एक प्रसिद्ध पक्षी | लक्क़्लक़् ।लक् लक् ( २ ) अक्अक्क् । महोखा | .܂ क क़अ क़बः–[ अ ] ( १ ) क्षत । ज़ख़्म । ( २ ) जती- क्रस - [ अ ] श्राकस्मिक मृत्यु | मर्ग नागहानी | करण | ज़ख़्म करने की क्रिया । Sudden Death क़ा अक्रूर - अ ] नील । क़अ का अ - [अ०] ( १ ) शीत ज्वर | जाड़ा बुख़ार । जिसके पैर के जोड़ बोलें । सूखे छुहारे । ( २ ) ( ३ ) चलते समय क़ क़ामर- [ अ ] संदरूस | दिय: [ ] मकड़ी का जाला । मर्कटजाल | नव - [ 2 ] ( १ ) सिंह | शेर । ( २ ) नर लोमड़ । [ ० ] ( १ ) एक प्रकार का पौधा । ( २ ) बाज पक्षी का नख । अब [ अ ] [ बहु० कुत्रवः, किद्याब, अब ] गुल्फ । टखना । गट्टा । बजूल । Ankle, कब इंसो - [ अ ] अंदरूनी रखना । अन्तगुल्फ । Intlernal maleolus, अब राजाल - [ ] ( i ) एक प्रकार का हलुवा । (२) फ्रानीज़ । (३) शकरपारे की एक किस्म । ( ४ ) बताशे का नाम । ( ५ ) एक प्रकार की शकर और शराब । कई द नोट - इसमें छाती टेढ़ी होकर ऊँची हो जाती है । इसका उलटा हदब: है । क़अब -[ अ ] ( १ ] बड़ा प्याला । काठ का बड़ा कटजटी - [ ता० ] लक्ष्मणा । प्याला । ( २ ) छोटी प्याली | फिंजान । कअ बुल् ग़ज़ाल-दे० “कश्रृबग़ज़ाल” । क़ मूस - [ ? ] एक प्रकार की खुमी । क़अर-[अ] गांभीर्थं । गंभीरता । गहराई। Depth जौन्सी -[ गु.] एक प्रकार का करौंदा । तामरंग । बिलाम्बु । Averrhoea Bilimba बिलिंबी । कस - [[ ] ( १ ) हाथ पाँव के पोधों की हड्डियाँ । ( २ ) करभ- प्रपादास्थियाँ । हाथ की हथेली और पाँव के तलवों को हड्डियाँ । बराजिम । कसम - [ श्र० ] [ का सम् - बहु०व० ] एक प्रसिद्ध जंगली पशु । जंगली गधा । गोरखर । अलामीनस - [ यू०] बखुर मरियम | क़अलूस - [ यू० ] ग़ार | क़स् - [ ० ] सीना बाहर उभर थाने की क्रिया । कुब्जत्व | कुबड़ापन । कसूम-[ अ० ] [ कासीम बहु० ० ] गढ़हा | गर्दभ । क - [ उड़ि० ] इमली । तितड़ीक | कआट करताय कलौंग -[ ता० ] सेवाला (बम्ब०) । काटक - [ ता०] एरंड । रेंड | का दिया - [ श्र० ] मकड़ी का जाला । मर्केट जाल । क़ल - [ ० ] अंगूर का शिगूफ़ा । कइत - संज्ञा पुं० [हिं० कैथ, सं० कपित्थ ] कैथ । कपित्थ । कैथा । I [ मल० • ] केवड़ा | केतकी । कइत - चक्क - [ मल० ] अनन्नास | अनानास | क़इन -संज्ञा स्त्री० बाँस को पतली टहनी (पं० ) पवना | मोरेड़ | [अ बर - [अ०] गोलमिर्च । काली मिर्च | कनी - [ बर० [] ताँबा | 1 क़अबल-[ नब्तु ] एक पौधे को जड़ जो प्याज़ के कइप-कोटकप्पाल- वित्त -[ मल० ] कडुश्रा इन्द्रजौ । इपीर - [ मल० ] ग्रीष्म सुन्दरक । फाणिज | जीम । Mollugo spergula, Linn. समान होती है । कब वहशी - [ ] बाहरी ख़ना | बहिगुल्फ | बाहर का गट्टा | External Malleolus. , क़बाल - [ अ ] एक प्रकार की खुमी । कइप बातम कोट्ट - [ मल० ] कड़ ुआ बादाम | तिन वाताद | कइपबादम - [ मल० ] कड़श्रा बादाम । कटु वाताद । asy - [सं०] कथा | ख़ैर । खदिर । कइप-पटौलम् - [ मल० ] जंगली चिचिंडा । कइप्प वल्लि - [ मल० ] करेला | कारवेल्ल । कमल - संज्ञा पुं० [?] जिङ्गनी । जिगिन । कइयनी - [ बर० ] ताँमा । ताम्र । कइशो - [ श्रासा ० ] खाजा । कर्गनेलिया । कई . त - [ अ० ] ( १ ) बुलबुल । (२) हज़ार दास्ताँ ( बुलबुल ) । क़ई.द-[ अ० ] ( १ ) टिड्डी । ( २ ) खरहा। नर खरगोश ।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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