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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatith.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir १.५ हस्तप्रत विभाग के परिशिष्ट : इस वर्ग में हस्तप्रत विभागीय विविध परिशिष्टों का समावेश किया जाएगा. १.५.१ प्रत, पेटांक व कृति लेखनगत विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिकाओं का संग्रह., १.५.२ प्रतिलेखन वर्ष से प्रत क्रमांक, १.५.३ प्रतिलेखन स्थल से प्रत क्रमांक, १.५.४ विद्वान/व्यक्ति (प्रतिलेखक आदि) नाम से प्रत क्रमांक. २. कृति विभाग इस विभाग के तहत कृति को केन्द्र में रखकर उससे संबद्ध अनेकविध सूचनाएँ निम्नोक्त प्रकार से आएगी. २.१ कृति पर से प्रत माहिती : यद्यपि खंड १.१.२ के प्रकाशन से प्रत्येक खंड के अंत में उस-उस खंड की कृतियों का यह परिशिष्ट संक्षिप्त रूप से दिया जा रहा है, तथापि सभी खंडों की कृतियों को अपनी महत्तम विस्तृत सूचनाओं के साथ संकलित रूप से देखने की सुविधा के लिए प्रतानुसार कृति माहिती के सभी खंड छप जाने के बाद निम्नोक्त प्रकार से अलग से भी प्रकाशित करने का आयोजन है. २.१.१.१ जैन संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश भाषाओं की - स्थिर कृतियाँ, २.१.१.२ जैन मारूगुर्जर, गुजराती, राजस्थानी इत्यादि देशी भाषाओं की - स्थिर कृतियाँ, २.१.१.३ जैन संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश - फुटकर कृतियाँ, २.१.१.४ जैन मारूगुर्जर आदि देशी भाषा - फुटकर कृतियाँ,२.१.२.१ से ४ धर्मेतर शेष - उपरोक्त चारों प्रकार की कृतियाँ, २.१.३.१ से ४ वैदिक - उपरोक्त चारों प्रकार की कृतियाँ, २.१.४.१ से ४ अन्य धर्म - उपरोक्त चारों प्रकार की कृतियाँ. २.२ आदिवाक्य से कृति माहिती, २.३ अंतिमवाक्य से कृति माहिती, २.४ विद्वान नाम से कृति माहिती, २.५ रचना वर्ष से कृति माहिती, २.६ रचना स्थल से कृति माहिती, २.७ भाषा पर से कृति माहिती, २.८ विषय विभाग पर से कृति माहिती. ३. विद्वान/व्यक्ति व गच्छ माहिती विभाग इस विभाग में कृति व हस्तप्रतों से संबंधित विद्वान/व्यक्तियों एवं गच्छों की विविध प्रकार से सूचनाएँ देने का आयोजन है. ३.१ विद्वान/व्यक्ति माहिती : यह वर्ग विद्वान/व्यक्तियों से संबद्ध विस्तृत माहिती का होगा व विद्वान नाम/ उपनाम के अकारादि क्रम से यह सूची होगी. यह सूची अनेक उपवर्गों में विभक्त होगी. ३.१.१ जैन साधुओं की सूची, ३.१.२ जैन साध्वियों की सूची, ३.१.३ जैन श्रावकों की सूची, ३.१.४ जैन श्राविकाओं की सूची, ३.१.५ शेष विद्वान/व्यक्तियों की सूची. ३.२ विद्वान शिष्य/संतति माहिती, ३.३ विद्वान शिष्य परम्परा वंशवृक्ष, ३.४ विद्वान-गच्छ माहिती वर्ग : गच्छ को केन्द्र में रखते हुए निम्नोक्त वर्गों की सूचियाँ बनेंगी. ३.४.१ गच्छ माहिती, ३.४.२ गच्छ शाखा-प्रशाखा वंशवृक्ष, ३.४.३ गच्छानुसार विद्वान माहिती. सूची प्रकाशन की यह एक संभावित संक्षिप्त रूपरेखा है. अनुभवों, उपयोगिता एवं व्यावहारिक मर्यादाओं के आधार पर इसमें यथासमय योग्य परिवर्तन भी किया जाएगा. प्रस्तुत हस्तप्रत सूचीगत सूचनाओं का स्पष्टीकरण जैन हस्तप्रतों का समावेश करनेवाली हस्तप्रत आधारित इस सूची में सूचनाएँ दो स्तरों पर दी गई हैं. (१) प्रत माहिती स्तर (२) प्रतगत कृति माहिती स्तर. ये सूचनाएँ विस्तार से कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूची- जैन हस्तलिखित साहित्य खंड १.१.१ के पृष्ठ ३३ से ३८ पर मुद्रित हैं. यहाँ पर मात्र संक्षिप्त रूप से व प्रथम खंड के प्रकाशन के बाद परिवर्तित सूचनाओं का ही परिचय दिया गया है. प्रत माहिती स्तर इस स्तर पर प्रत सम्बन्धी उपलब्ध सूचनाएँ विविध अनुच्छेदों में निम्नोक्त क्रम से शक्य महत्तम विस्तार से दी गई हैं. यद्यपि कम्प्यूटर पर ये सूचनाएँ और भी विस्तार से उपलब्ध हैं. १. प्रत क्रमांक : प्रत्येक प्रत का यह स्वतंत्र क्रमांक है. इस विभाग में मात्र जैन कृतियोंवाली प्रतों का ही समावेश होने से व बीच-बीच में जैनेतर आदि अन्य वर्गों की प्रतें भी अनुक्रम में होने से वे क्रमांक यहाँ नहीं मिलेंगे. यह क्रमांक For Private And Personal Use Only
SR No.018025
Book TitleKailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2004
Total Pages610
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size4 MB
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