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________________ जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग झेरोक्ष सी.डी. ग्रंथान विशेष नोंध पत्र संख्या प्रा.ग २००८ .........र.१७00 १४६ ग्रंथांक ग्रंथन नाम | स्थिति कर्ता भाषा संवत २००६ ऋषभदेवस्तवन बालावबोधसह ........मध्यम ..विजयतिलक............ ............... २००७ .. वासुपूज्यजिनपुण्यप्रकाशस्तवन....... श्रेष्ठ ....सकलचंद्र ............... | गू. जिनप्रतिमाहुंडीस्तवन .................. जीर्ण ... विजय....... . गू............. १६४३ वीसस्थानकस्तवन ... श्रेष्ठ..... बस्तो ....... .गू............. १६३८ गोडीपार्श्वनाथस्यनादि ............... मध्यम ... गू........... र.१८१३ गोडीपार्श्वनाथरतबन.. जिनलाभ २०१०/२... शांतिजिनस्तयन ....... धर्मवर्धन २०१०/३.... पार्श्वनाथस्तवन जिनहर्ष २०१५ ...... वीसविहरमानजिनगीतो अपूर्ण .......... मध्यम, जिनराज ............. गू २०१२ ...... आदिनाथस्तवननादि स्तवनो ........... मध्यम ....... ग २०१२/१..... आदिनाथस्तवन .. विजयतिलक २०१२/२.... सामायिकदोषनिवारणस्तबन. वा.गुणरंग २०१२/३ .... उपदेशस्तवन ............... धर्मसी.. २०१२/४ .....गोडीपार्श्वनाथस्तवन ........... २०१३ ....... महावीरस्तवन नयनिक्षेप विचार गर्मित श्रेष्ठ .... रामविजय .............. २०१४ ...... स्थविरावलीस्याध्याय ....... ..श्रेष्ठ .... सहजकीर्ति ............... गू. २०१५ ...... सुंदरशृंगार .......... श्रेष्ठ ..... कवि राजसुंदर ........... हिन्दी............ १७५७ २०१६ ......जीवोत्पत्तिसज्झाय कलियुगगीत .... श्रेष्ठ..... श्रीसार क.क.कर्मचंद्र ..... गू. २०१७ सीमंधरस्वामिस्वाध्याय ... श्रेष्ठ.... लावण्यसमय ......... र.१५६२ २०१८ ......त्रेसठशलाकापुरुषस्तवन मध्यम २०१९ ..... राजनीतिकवित. जीर्ण.. देवीदास .... १८७४ २०२०..... महावीररसोइस्चन ............ जीर्ण. दयासागर मल्लिनाथबृहत्स्तवन ......... मध्यम. कुशललाभ, २०२२ ..... हितशिक्षा.......................... मध्यम... धरणसी. २०२३ .... कोकचोपाई. जीर्ण नर्बुद २०२४.......गोरावादरप्रस्ताविक................. जीर्ण. १७६६ २०२५ ....... पृथ्वीराजवेली सस्तबक अपूर्ण ...... मध्यम.. २०२६ ....... मुष्टिज्ञान आदि ......... मध्यम... MADRI .२०१३ . २०१५ . . ...... . २०२१ SHRA ............... . पाणीथी भीजायेली छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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