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________________ दंडक ___दंडक देश का राजा, जिसकी अदूरदर्शिता तथा अविवेक के कारण न केवल पांच सौ मुनियों का वध हुआ अपितु वह अपने नगर तथा नागरिकों के साथ स्वयं भी विनाश को प्राप्त हो गया। (देखिए-स्कन्दक कुमार) (क) दत्त तगरा निवासी एक श्रेष्ठी। दत्त श्रेष्ठी अपने पुत्र अरणिक और पत्नी भद्रा के साथ दीक्षा लेकर मुनि बने। (देखिए- अरणिक) (ख) दत्त भगवान चंद्रप्रभु के 13 गणधरों में ज्येष्ठ गणधर। (ग) दत्त वत्स देश के तुंगिक नगर के एक ब्राह्मण। ये भगवान महावीर के दसवें गणधर मेतार्य के पिता थे। -आवश्यक चूर्णि (घ) दत्त (आचार्य) ___ आचार्य दत्त जंघाबल क्षीण होने के कारण श्रावस्ती नगरी में विराजमान हुए। दुर्दैववश कालान्तर में दुष्काल पड़ा। मुनियों को शुद्ध आहार की प्राप्ति कठिन हो गई। अन्नाभाव की स्थिति में लोगों के मन में दानादि की प्रवृत्ति क्षीण हो गई। समयज्ञ आचार्य श्री ने अन्य मुनियों को विहार के लिए प्रेरित किया। आचार्य श्री स्वयं नगर के विभिन्न भागों में विहार करते। आयंबिल और उपवास की तपस्या करते। यथासमय अरस-विरस आहार का योग होने पर आहार करते। ऐसे उन्होंने 12 वर्ष व्यतीत कर दिए। नगररक्षक देव आचार्य श्री की उत्कृष्ट वृत्ति देखकर उनका भक्त हो गया। कालान्तर में आचार्य श्री का दत्त नामक शिष्य श्रावस्ती नगरी में आया। उसने आचार्य श्री को उपालंभ दिया-आप तो यहां सानन्द रह रहे हो और हमें विहार करा दिया ! उसके उपालंभ पर आचार्य श्री मौन रहे। दत्त भिक्षा के लिए गया। उसे कहीं भी शुद्ध आहार का योग नहीं मिला। क्षुधातुर दत्त ने एक श्रेष्ठीपुत्र की व्यंतर-व्याधि दूर कर उसके घर से भिक्षा प्राप्त की। उसके उपाश्रय में लौटने पर वस्तुस्थिति से अवगत बनकर आचार्य श्री ने उससे कहा, वत्स! तुम द्वारा लाया गया आहार साध्वाचार के अनुकूल नहीं है। आलोचना-निंदना आदि से आत्मशुद्धि करो! इस पर क्षुधातुर दत्त रोषारुण हो गया और बोला, आप मेरे आहार में दोष देखते हैं, बारह वर्षीय दुष्काल में आपने कैसे निर्दोष आहार प्राप्त किया होगा? ___ दत्त मुनि की अविनीतता देख कर आचार्यश्री की सेवा में रहने वाला देव प्रकट हुआ। उसने दत्त मुनि .. जैन चरित्र कोश - 237 ....
SR No.016130
Book TitleJain Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni, Amitmuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2006
Total Pages768
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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