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________________ याचि anfa-III. ii. 40 वाक् (कर्म) उपपद रहते (यम् धातु से 'खच्' प्रत्यय होता है, व्रत गम्यमान होने पर)। ... वाडवात् - IV. ii. 41 देखें - ब्राह्मणमाणवo IV. ii. 41 वाणिजे - VI. ii. 13 वाणिज शब्द उत्तरपद रहते (तत्पुरुष समास में गन्तव्यवाची तथा पण्यवाची पूर्वपद को प्रकृतिस्वर हो जाता है)। वात... - V. ii. 129 देखें - वातातीसाराभ्याम् VII. 129 वातातीसाराभ्याम् VII. 129 - बात तथा अतीसार प्रातिपदिकों से (मत्वर्थ' में इनि प्रत्यय होता है तथा इन शब्दों को कुक् आगम भी होता है) । ...वाति... - VIII. I. 17 देखें - गदनद० VIII. iv. 17 ... वादयः - I. iii. 1 देखें - भूवादयः I. iii. 1 ...वादि.. - VI. iv. 126 ... देखें - शसदद० VI. iv. 126 वान्तः - VI. 1. 76 ( यकारादि प्रत्यय के परे रहते एच के स्थान में संहिताविषय में) वकार अन्तवाले अर्थात् अव आव् आदेश होते हैं। वान्नावौ - VIII. 1. 20 (पद से उत्तर षष्ठ्यन्त चतुर्थ्यन्त तथा द्वितीयान्त युष्मद् एवं अस्मद् शब्दों के स्थान में क्रमशः) वाम् और नौ आदेश होते हैं तथा उन आदेशों को अनुदात्त भी होता है)। वाप: - V. 1. 44 (षष्ठीसमर्थ प्रातिपदिकों से) 'ख़त' अर्थ अभिधेय हो तो (यथाविहित प्रत्यय होते हैं)। . वाभ्याम् - III. iv. 91 देखें सवाभ्याम् III. iv. 91 - .. वाध्याम् - VII. III. 2 देखें - य्वाभ्याम् VII. iii. 2 475 वाम्... VIII. 1. 20 देखें - वान्नावौ VIII. 1. 20 वामदेवात् - - IV. 1. 8 (तृतीयासमर्थ) वामदेव प्रातिपदिक से (देखा गया साम' अर्थ में ड्यत् और ड्य प्रत्यय होते हैं)। .....वामादेः IV. i. 70 देखें वामौ - III. iv. 91 (सकार, वकार से उत्तर लोट्-सम्बन्धी एकार के स्थान में यथासङ्ख्य करके) व और अम् आदेश हो जाते हैं। ...वाम्योः - VI. ii. 40 देखें - सादिवाम्यो VI. II. 40 वायु... - IV. ii. 30 देखें संहितशफ० IV. 1. 70 ... वायोगे - VIII. 1. 59 देखें- चवायोगे VIII. 1. 59 वातुपिनुस - IV. 30 (प्रथमासमर्थ देवतावाची) वायु ऋतु पितृ तथा उपस् प्रातिपदिकों से (षष्ठ्यर्थ में यत् प्रत्यय होता है)। वारणार्थानाम् – 1. Iv. 27 रोकने अर्थ वाली धातुओं के प्रयोग में (जो इष्ट पदार्थ, उस कारक की अपादान संज्ञा होती है)। वायुषि IV. II. 30 ..... वालोत्तरपदात् - IV. 1. 64 देखें - पाककर्णपर्ण० IV. 1. 64 - ... वाव - VIII. 1. 64 देखें वैवाय VIII. 1. 64 .....वाशिनायनि... - VI. in. 174 देखें - दाण्डिनायनहास्तिo VI. iv. 174 - वाष्प... - III. 1. 16 देखें वाप्पोमध्याम् III. 1. 16 वाष्पोष्मभ्याम् – III. 1. 16 - वाष्प और ऊष्म (कर्म) से (उद्वमन अर्थ में क्यङ् प्रत्यय होता है)। - ... वास... - VI. lii. 17 देखें शयवासवासिषु VI. III. 17 .. वास... - VI. iii. 57 देखें - पेवंवासo VI. Iii. 57
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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