SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 492
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 474 वाचंयमपुरन्दरी वा-VIII. iil. 49 वा-VIII. iv.55 (प्र.तथा आमेडित को छोड़कर कवर्ग तथा पवर्ग परे (अवसान में वर्तमान झलों को) विकल्प करके (चर हो तो वेदविषय में विसर्जनीय को) विकल्प से (सकारादेश होता है)। वा-VIII. iv.58 वा-VIII. Ill. 54 (पदान्त के अनुस्वार को यय् परे रहते) विकल्प से . (इडा शब्द के षष्ठीविभक्ति के विसर्जनीयको) विकल्प (परसवर्णादेश होता है)। से (सकार आदेश होता है; पति, पुत्र,पृष्ठ,पार,पद,पयस, ...वाक्... - VI. I. 19 पोष शब्दों के परे रहते)। देखें-भूवाक्V I. 1. 19. वा-VIII. III.69 वाकिनादीनाम् - IV.I. 158 (परि,नि तथा वि उपसर्ग से उत्तर सिवादि धातुओं के (गोत्रभिन्न वृद्धसंज्ञक) वाकिन आदि प्रातिपदिकों से ... सकार को अट् के व्यवधान होने पर भी विकल्प से (उदीच्य आचार्यों के मत में अपत्यार्थ में फिज प्रत्यय .. (मूर्धन्य आदेश होता है)। तथा कुक का आगम होता है)। वाक्यस्य -VIII. ii. 82 वा-VIII. iii. 100 (अगकार से परे नक्षत्रवाची शब्दों से उत्तर सकार को (यह अधिकार सूत्र है, पाद की समाप्तिपर्यन्त सर्वत्र) वाक्य के (टि भाग का प्लुत उदात्त होता है, ऐसा अर्थ एकार परे रहते सजा-विषय में) विकल्प से (मर्धन्य आदे होता जायेगा। श होता है)। वाक्यादेः - VIII.1.8. वा-VIII. 1. 119 वाक्य के आदि के (आमन्त्रित को द्वित्व होता है, यदि ' नि.वि तथा अभि उपसगों से उत्तर अट का व्यवधान वाक्य से असूया,सम्मति,कोप.कुत्सन एवं भर्त्सन गम्यहोने पर वेदविषय में) विकल्प से (मूर्धन्य आदेश नहीं __मान हो रहा हो तो)। ...वाक्याध्याहारेषु - VI. 1. 134 वा-VIII. iv. 10 देखें-प्रतियल VI.L. 134 (पूर्वपद में स्थित निमित्त से उत्तर भाव तथा करण में ...वाल्मन्स.. - V. iv. 77. वर्तमान पान शब्द के नकार को) विकल्प से (णकार आदे- देखें-अचतुर0 V. iv.77 श होता है। वाच - V. 1. 124 वा-VIII. iv. 22 वाच प्रातिपदिक से (मत्वर्थ' में ग्मिनि प्रत्यय होता (उपसर्ग में स्थित निमित्त से उत्तर अकार पूर्ववाले हन् है)। धातु के नकार को) विकल्प से (व तथा म परे रहते णकार ल्प सत्व तथाम पर रहत णकार वाचः -V. iv.35 र आदेश होता है)। (सन्देश वाणी' अर्थ में वर्तमान) वाच् प्रातिपदिक से वा - VIII. iv. 32 (स्वार्थ में ठक् प्रत्यय होता है)। (उपसर्ग में स्थित निमित्त से उत्तर निस, निक्ष तथा निन्द् । नामत सउत्तरानस,निक्ष तथा निन्द् वाचंयम... -VI. 1. 68 धातु के नकार को) विकल्प से (णकारादेश होता है)। देखें - वायमपरन्टरी VI. I. AR वा-VIII. iv. 44. .. वाचंयमपुरन्दरी - VI. iii. 68 (पदान्त यर प्रत्याहार को अनुनासिक परे रहते) विकल्प वाचंयम तथा पुरन्दर शब्दों में (भी) पूर्वपदों को अम् से (अनुनासिक आदेश होता है)। आगम निपातन किया जाता है। होता)।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy