SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 422
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ___404 . भूताधिकसंजीवमद्राश्मकज्जलम् भुक-III. iv.63 ... - VII. III. 88 (तूष्णीम् शब्द उपपद हो तो) भू धातु से (क्त्वा, णमुल देखें - भूसुवो: VII. ill. 88 प्रत्यय होते है)। ...भू.. -VIII. iv. 33 भुक-V.1.47 देखें-भाभूपूO VIII. iv. 33 वेद-विषय में अनुपसर्जन भू शब्दान्त प्रातिपदिक से भू-II. I. 52 भी स्त्रीलिङ्ग में नित्य ही डीष् प्रत्यय होता है। (अस् के स्थान में आर्धधातुक-विषय उपस्थित होने पर) . भुक -VI. iv.88 भू आदेश होता है। भअङ्ग को (वुक आगम होता है, लुङ् तथा लिट् भूकयोः - III. Iil. 127 अजादि प्रत्यय के परे रहते)। भूतथा कृञ् धातु से (यथासङ्ख्य करके कर्ता एवं कर्म .. भुवः-VIII. 1.71 उपपद रहते; चकार से कृच्छु, अकृच्छू अर्थ में वर्तमान (महाव्याहति) भुवस शब्द को (भी वेद-विषय में दोनों ईषद्,दुर.सु उपपद हों तो भी खल प्रत्यय होता है)। प्रकार से अर्थात् रु एवं रेफ दोनों ही होते है)। भूत..-VI. 1. 91 भुवनम् - VI. 1. 20 देखें-भूताधिक. VI. 1. 91 (ऐश्वर्यवाची तत्पुरुष समास में पति शब्द उत्तरपद रहते भूत - V. 1.79 . . पूर्वपद) भुवन शब्द को विकल्प से प्रकृतिस्वर हो जाता द्वितीयासमर्थ कालवाची प्रातिपदिकों से 'सत्कारपूर्वक : ' व्यापार खरीदा हुआ', 'हो चुका' (और होने वाला' - भुवि - III. 1. 12 इन अर्थों में यथाविहित ठञ् प्रत्यय होता है)। ... भवति के अर्थ में (भृश आदि अच्च्यन्त प्रातिपदिकों से भूतपूर्वे - V. ii. 18 'क्यङ् प्रत्यय होता है और हलन्तों का लोप भी)। 'भूतपूर्व' अर्थ में वर्तमान (गोष्ठ प्रातिपदिक से खञ् भू.. -I.1.1 प्रत्यय होता है)। देखें-भूवादयः I. I.1.. . भूतपूर्वे - V. iii. 53 ...पू.-III. 1. 154 'भूतपूर्व अर्थ में वर्तमान (प्रातिपदिक से चरट् प्रत्यय देखें - लपत III. 1. 154 होता है)। ...भू.-III. 1.96 देखें-वृषेषI. III.96 भूतपूर्वे - VI. ii. 22 भू.. -III. iii. 127 (पूर्व शब्द उत्तरपद रहते) भूतपूर्ववाची (तत्पुरुष समास) देखें- भूकृषोः III. 1. 127 में (पूर्वपद को प्रकृतिस्वर हो जाता है)। भू... -V.iv.50 भूतवत् -III. iii. 132 देखें-कृण्वस्तिक V.iv.50 भू.. -VI. 1. 19 (आशंसा गम्यमान होने पर धातु से) भूतकाल के समान देखें- भूवाक्V I. . 19 (तथा वर्तमानकाल के समान भी विकल्प से प्रत्यय हो भू.. -VI. iv.85 जाते है)। देखें- भूसधियो: VI. iv.85. आशंसा = इच्छा अभिलाषा, आशा। भू-VI. iv. 158 भूताधिकसंजीवमद्राश्मकज्जलम् -VI. .91 (बहु शब्द से उत्तर इष्ठन इमनिच् तथा ईयसुन का लोप होता है और उस बहु के स्थान में) भू आदेश (भी होता भूत, अधिक,संजीव,मद्र,अश्मन,कज्जल-इन पूर्वपदों को (अर्य शब्द उत्तरपद रहते आधुदात्त नहीं होता)। ii.18
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy