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________________ 394 ....बाहु... -III. 1. 21 बिले - VI. 1. 102 देखें-दिवाविमा० III. ii. 21 बिल शब्द उत्तरपद रहते (कुसूल, कूप, कुम्भ,शालाबाहुल्ये -II. iv. 22 इन पूर्वपद-स्थित शब्दों को अन्तोदात्त होता है)। बाहुल्य = अधिकता गम्यमान होने पर (नकर्मधार- बिल्वकादिभ्यः -VI. iv. 153 यवर्जित -छायान्त तत्पुरुष नपुंसकलिङ्ग में होता है)। बिल्वकादि शब्दों से उत्तर (भसज्ज्ञक छ का लुक होता ...बाह्या...-III. 1. 119 देखें-पदास्वैरिo I.i. 119 बिल्वादिभ्यः - IV. iii. 133 बान्तात् - IV.i.67 (षष्ठीसमर्थ) बिल्वादि प्रातिपदिकों से (विकार और . बाहु शब्द अन्तवाले प्रातिपदिकों से (संज्ञाविषय में अवयव अर्थों में अन् प्रत्यय होता है)। स्त्रीलिङ्ग में ऊङ् प्रत्यय होता है)। ...बिस्त... - IV.i. 22 बाहादिभ्यः - IV.1.96 देखें - अपरिमाणबिस्ताov.i. 22 बाहु आदि प्रातिपदिकों से (भी 'तस्यापत्यम्' अर्थ में ...बीजात् -V.iv.58 " देखें-द्वितीयतृतीय० V. iv. 58 इब् प्रत्यय होता है)। ...बुद्धि.. -I. iv. 52 . विडच्.. - V. 1. 32 देखें-गतिबनित्यवसानार्थI. iv.52 देखें-बिडजिरीसची V. 1. 32 ...बुद्धि.. -III. 1. 188 बिडज्जिरीसची - V. 1. 32 देखें - मतिबुद्धि III. ii. 188 नि उपसर्ग प्रातिपदिक से 'नासिकासम्बन्धी झुकाव' बध..-I.ii. 86 को कहना हो तो सज्ञाविषय में) बिडच् तथा बिरीसच् देखें-बुधयुधनशजने I. iii. 86 प्रत्यय होते है। ....बुध.. -III.1.61 ...बिडाल..-VI. 1.72 . देखें-दीपजन III. 1. 61 देखें-गोबिडाल.VI. II. 72 बुधयुधनशजनेनुभ्यः -I. ii. 86 बिदादिभ्यः - IV.I. 104 बुध, युध, नश, जन, इछ, प्र, दु, स्नु - इन (ण्यन्त) (षष्ठीसमर्थ) विदादि प्रातिपदिकों से (गोत्रापत्य में अब् धातुओं से (परस्मैपद होता है)। प्रत्यय होता है, परन्तु इनमें जो अनृषिवाची है,उनसे अन बुभुक्षा... -VII. iv.34 न्तरापत्य में अञ् होता है)। देखें-बुभुक्षापिपासा VII. iv. 34 ..बिन्दु.. - VI. II. 59 बुभुक्षापिपासागर्थेषु - VII. iv. 34 देखें-मन्यौदन० VI. iii. 59 (अशनाय,उदन्य,धनाय शब्द क्रमश:) बुभुक्षा,पिपासा, बिभेते: - VI.i. 55 . गर्घ अर्थों में (निपातन किये जाते है)। (हेत जहां भय का कारण हो,उस अर्थ में वर्तमान) जिभी बहत्या-v.iv.6 धातु के (एच के स्थान में णिच परे रहते विकल्प से आत्व (ढकने' अर्थ में वर्तमान) बृहती प्रातिपदिक से (स्वार्थ होता है)। में कन् प्रत्यय होता है)। ....बिरीसची - V... 32 ...बोधात् -V.1. 107 देखें-बिडज्जिरीसचौ. . 32 देखें-कपिबोधात् IV.I. 107 ...बिल्वात् -IV. iii. 148 बोभूतु - VII. iv. 65 देखें-उत्वद्वद्धo IV. iii. 148 बोभूतु शब्द (वेद-विषय में) निपातन किया जाता है।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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