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________________ 393 ...बाडानि बहुषु-II. iv. 62 बहवः - IV. iii. 67 बहत्व अर्थ में वर्तमान (स्त्रीलिङ्गभिन्न तद्राज का लुक (व्याख्यान और भव अर्थ में षष्ठी और सप्तमीसमर्थ) होता है, यदि वह बहुत्व तद्राज के द्वारा ही निष्पादित हो। बहुत अच् वाले (अन्तोदात्त व्याख्यातव्य-नाम) प्रातिपतो)। दिकों से (ठञ् प्रत्यय होता है)। बहुषु- V. iv. 22 बहक - V. iii. 78 'बहुत' अर्थ को कहने में (प्रथमासमर्थ प्रातिपदिक से बहुत अच् वाले (मनुष्यनामधेय) प्रातिपदिक से (अनु'तस्य समूहः' IV.ii. 22 के अधिकार में कहे हुए प्रत्ययों कम्पा से युक्त नीति गम्यमान होने पर ठच् प्रत्यय होता के समान प्रत्यय होते है तथा मयट प्रत्यय भी होता है)। है, विकल्प से)। बहूनाम् – V. iii. 93 बहुच -VI. 1.83 (जाति को पूछने विषय में किम्, यत् तथा तत् प्राति- (ज' उत्तरपद रहते) बहुत अच् वाले पूर्वपद के (अन्त्य पदिकों से) बहुतों में से (एक का निर्धारण गम्यमान हो अक्षर से पूर्व को उदात्त होता है)। तो विकल्प से डतमच् प्रत्यय होता है)। बच-VI. iii. 118 बहो: - V. iv. 20 (अजिरादियों को छोड़कर,मतुप परे रहते) बह्वच शब्दों . (आसन्नकालिक क्रिया की अभ्यावृत्ति के गणन अर्थ के (अण को दीर्घ होता है)। में वर्तमान) बहु प्रातिपदिक से (विकल्प से पा प्रत्यय बावपूर्वपदात् - V. iv. 64 .. होता है)। - (अध्ययन विषय में वृत्तकर्मसमानाधिकरणवाची प्रथबहो: - VI. 1. 175 मासमर्थ) बहुच् पूर्वपदवाले प्रातिपदिक से (षष्ठ्यर्थ में ' (उत्तरपदार्थ के बहुत्व को कहने में वर्तमान) बहु शब्द ठच प्रत्यय होता है)। से (न के समान स्वर होता है)। बहुङ्गात् - IV. II. 71 : बहो: - VI. iv. 158 (जिस मतुप के परे रहने पर) बहुत अच् वाला अङ्ग हो, (बहु शब्द से उत्तर इष्ठन्,इमनिच् तथा ईयसुन का लोप (उस मत्वन्त प्रातिपदिक से भी अब् प्रत्यय होता है)। होता है और उस) बहु शब्द के स्थान में (भ आदेश भी बह्वल्पार्थात् - V. iv. 42 होता है)। बहुत तथा थोड़ा अर्थ वाले (कारकाभिधायी प्रातिपबहवः - II. iv.65 दिकों से विकल्प से शस् प्रत्यय होता है)। बहुत अच् वाले शब्द से उत्तर (प्राच्य और भरत गोत्र बह्वादिभ्यः - IV. 1.45 में विहित 'इज्' प्रत्यय का तत्कृत बहुवचन में लुक होता बहु आदि प्रातिपदिकों से (भी स्त्रीलिङ्ग में विकल्प से ङीष् प्रत्यय होता है)। ...बहक्चः - IV. 1.56 ....बहुच..-V. iii. 129 देखें- क्रोडादिबक्यः IV. 1.56 देखें -छन्दोगौविथक V. 1. 129 पर - IV. 1. 72 ...बंहि.. -VI. iv. 157 बहल अच वाले प्रातिपदिकों से (कुएँ को कहना हो तो देखें-प्रस्थस्फOVI. iv. 157 चातुरर्थिक अब् प्रत्यय होता है)। ...बाढयोः -v.iit.63 बह -IV. 1. 108 देखें- अन्तिकबाढयोः V.1.63 (अन्तोदात्त) बहुत अच् वाले (उत्तर दिशा में होने वाले ...वाहानि - VII. II. 18 ग्रामवाची) प्रातिपदिकों से (भी अब् प्रत्यय होता है)। देखें-व्यस्वान्त VII. I. 18
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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