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________________ 329 नपुंसकस्य नया-VI. 1.43 नदीसज्जक (पूर्वसूत्र से शेष) शब्दों को विकल्प करके हस्व हो जाता है घ,रूप,कल्प,चेल बुष,गोत्र,मत तथा हत शब्दों के परे रहते)। नवाः-VII. ii. 112 नदीसज्ञक अनि से उत्तर (डित् प्रत्यय को आट् आगम होता है)। नवादिष्यः - IV. 1. 96 नदी आदि प्रातिपदिकों से (शैषिक ठक् प्रत्यय होता नसाम्-IV. 1.84 (ड्यन्त, आबन्त प्रातिपदिक से) नदी अभिधेय हो तो चातुरर्थिक मतुप प्रत्यय होता है)। नाम्नीय -VII. M. 116 | नदीसजक, आबन्त तथा नी से उत्तर (ङि विभक्ति के स्थान में आम आदेश होता है)। नहत -V.Iv. 153 (बहुव्रीहि समास में) नदीसज्जक तथा ऋकारान्त शब्दों से (भी समासान्त कप् प्रत्यय होता है)। ..नयो: - VII. 1.79 देखें-शीनो: VII. 1.79 ...यो: - VII. I. 107 देखें-अमानयो: VII. I. 107 म्-III. 1.91 (बिच्चा शये' धातु से भाव में) नन् प्रत्यय होता है। मु-VIII. 1. 43. (अनु.षणा विषय में) ननु इस शब्द से युक्त (तिङन्त को अनुदात्त नहीं होता)। अनुऔषणा = अनुमति की कामना।। नवी -III. 1. 120 (पृटप्रतिवचन अर्थात् पूछे जाने पर जो उत्तर दिया जाये, इस अर्थ में पातु से) ननु शब्द उपपद रहते (सामान्य भूतकाल में लट् प्रत्यय होता है)। मन्दि-II. 1. 134 देखें - बन्दियहि III. 1. 134 मन्दिवहिपचादिभ्यः -III.1. 134 नन्यादि. ब्रह्मादि तथा पचादि धातओं से (यथासंख्य करके ल्यु,णिनि तथा अच् प्रत्यय होते है)। न्यो: -III. I. 121 (पृष्टप्रतिवचन अर्थ में धातु से) न तथा नु उपपद रहते (सामान्य भूतकाल में विकल्प से लट् प्रत्यय होता है)। पृष्टप्रतिवचन = पूछेजाने पर प्रतिकथन = उत्तर देना। परे - VIII. I. 27 नकारपरक (ककार) के परे रहते (पदान्त मकार को विकल्प से नकारादेश होता है)। ...सात... -VI. .74 देखें-नाना VI. 1.74 मुस -VI.1.74 देखें-माया VI. I. 74 नमुलकम् -I. 1.9 (समानप्रकृतिवाले नपुंसक तथा अनपुंसक शब्दों का सहप्रयोग होने पर) नपुंसक शब्द (ही अवशिष्ट रहता है और विकल्प से उसका प्रयोग भी एकवचन में होता है)। नपुंसकम् - II.1.2 नपुंसकलिङ्ग में वर्तमान (अर्ध शब्द एकाधिकरणवाची एकदेशी सुबन्त के साथ विकल्प से समास को प्राप्त होता है और वह बसुरुष समास होता है)। सुंसकम् - II. iv. 17 जिसको पूर्व में एकवद्भाव कहा है, वह) नपुंसकलिङ्ग वाला होता है। नमुलकम् -II. iv. 30 (अपथ सब्द) नपुंसकलिङ्ग वाला होता है। मुखवस्य-VII. 1.72 (झलन्त तथा अजन्त) नपुंसकलिङ्ग वाले अङ्ग को (सर्वनामस्थान विपक्ति परे रहते नुम् आगम होता है)। पुंसकस्य-VII.1.79 (अभ्यस्त असे उत्तर जो शत प्रत्यय,बदन्त) नपुंसक शब्द को विकल्प से नुम् आगम होता है)।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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