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________________ नपुंसकत् नपुंसकात् - -V. iv. 103 नपुंसकलिङ्ग में वर्तमान (अन्नन्त तथा असन्त तत्पुरुष) से (समासान्त टच् प्रत्यय होता है, वेदविषय में) । नपुंसकात् - V. Iv. 109 नपुंसकलिङ्ग में वर्तमान (अन्नन्त अव्ययीभाव) से (समासान्त टच् प्रत्यय विकल्प से होता है)। नपुंसकात् - -VII. i. 19 नपुंसक अङ्ग से उत्तर (भी औ = औ तथा औट् के स्थान में शी आदेश होता है)। नपुंसकात् - VII. 1. 23 नपुंसकलिङ्ग वाले अङ्ग से उत्तर (सु और अम् का लुक् होता है)। नपुंसके 330 -I. ii. 46 नपुंसकलिङ्ग में वर्तमान (प्रातिपदिक को ह्रस्व हो जाता है) । नपुंसके है)। नपुंसके – III. 1. 114 - नपुंसकलिङ्ग (भाव) में (धातुमात्र से क्त प्रत्यय होता - VI. ii. 98 नपुंसकलिङ्ग वाले समास में (सभा शब्द उत्तरपद रहते पूर्वपद को अन्तोदात्त होता है)। नपुंसके - -VI. ii. 123 नपुंसकलिङ्ग (शालाशब्दान्त तत्पुरुष समास) में (उत्तरपद को आद्युदात्त होता है) । नपुंसके - VII. 1. 14 नपुंसकवाची (तत्पुरुष समास) में (मात्रा, उपज्ञा, उपक्रम तथा छाया शब्द उत्तरपद हों तो पूर्वपद को प्रकृतिस्वर होता है)। ... नप्तृ... - VI. Iv. 11 देखें- अप्तन्तृच् VI. Iv. 11 नम्राट्.. - VI. iit. 74 देखें - नम्राण्नपान् VI. III. 74 नप्राप्नपान्नवेदानासत्यानमुचिनकुलनखनपुंसकनक्षत्रनक्रनाकेषु - VI. iii. 74 नाट् नपात्, नवेदा, नासत्या, नमुचि, नकुल, नख, नपुंसक, नक्षत्र,नक्र, नाक- इन शब्दों में (जो नञ, उसे प्रकृतिभाव हो जाता है।) ... नम... - VII. ii. 73 देखें यमरमनमाताम् VII. ii. 73 नमः... - II. iii. 16 देखें – नमः स्वस्तिस्वाहाo II. 1. 16 नमस्... - III. 1. 19 देखें - नमोवरिवश्चित्रड III. 1. 19 नमस्... -VIII. iii. 40 देखें – नमस्पुरसो VIII. iii. 40 नमस्पुरसोः -VIII. iii. 40 (गतिसञ्ज्ञक) नमस् तथा पुरस् शब्दों के (विसर्जनीय को सकारादेश होता है; कवर्ग, पवर्ग परे रहते) । नम:स्वस्तिस्वाहास्वधालंववड्योगात् – II. iii. 16 नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा, अलम्, वषट्— इन शब्दों के योग में (भी चतुर्थी विभक्ति होती है)। ... नमाम् - III. 1. 89 देखें - दुहस्नुनमाम् III. 1. 89 नमि... -III. ii. 167 देखें - नमिकम्पि० III. 1. 167 नमिकम्पिस्म्यजसक महिंसदीप: - III. 1. 167 - म कपि, मिङ् नपूर्वक जसु, कमु, हिसि, दीपी इन धातुओं से (वर्तमानकाल में तच्छीलादि कर्ता हो तो र प्रत्यय होता है)। 1 ...नमुचि... -VI. iii. 74 देखें - नानपान VI. III. 74 नमोवरिवश्चित्रड:- 1 - III. i. 19 नमस्, वरिवस्, चित्रड्— इन (कर्मों) से (करोति' अर्थ में क्यच् प्रत्यय होता है)। नरे -VI. iii. 127 नर शब्द उत्तरपद रहते (सञ्ज्ञा-विषय में विश्व शब्द को दीर्घ होता है)।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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