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________________ अमरकोषः। [द्वितीयकाण्डे१ वैतालिका 'बोधकरारश्चाक्रिका घाण्टिकार्थकाः। ३ स्युर्मागधास्तु 'मगधा ४ बन्दिनः स्तुतिपाठकाः ॥ ९७ ।। ५ संशप्तकास्तु समयसंग्रामादनिवर्तिनः । ६ रेणुईयोः स्त्रियां धूलिः पाशुर्ना नयो रजः ॥ ९८ ।। ७ चूर्ण क्षोदः ८ समुत्पिखपिखलो भृशमाकुले । . वैतालिका, बोधकरः (पु), 'राजाको जगानेके लिये प्रातः काल या विशिष्ट अवसरों पर राजाके स्तुतिपाठ करनेवाले बन्दी, भाट' के नाम हैं। २ चाक्रिकः ( + चक्रिका), 'पाण्टिका (+घटिकः । २ पु), 'घण्टा बजानेवाले या घड़ियारी नामक बाजाको बजानेवाले बन्दी विशेष' के २ नाम है। ३ मागधः, मगधः (+मधुका मु.। ११), 'राजाकी वंशावलीको वर्णन करनेवाले बन्दी' के नाम हैं। ५ बन्दी ( = बन्दिन् ), स्तुतिपाठक (पु), 'राजाकी स्तुति कर नेवाले बन्दी' के २ नाम हैं। (जी.स्वा.के मतसे 'मागधः,.......' नाम एकार्थक अर्थात् 'बन्दीमात्र' के हैं। ५ संशप्तकः (पु), 'शपथ देने या स्वयं प्रतिक्षा करनेके कारण लड़ाईसे नहीं लौटनेवाले योद्धा' का । नाम है ॥ ६ रेणुः (पु स्त्री), धूलिः ( +धूली । स्त्री), पांशुः ( + पांसुः । पु), रजः ( = रजस् न ), 'धूल' के ४ नाम हैं। ७ चूर्णम् (न। + पु), चोदा (पु), 'महीन धूल' के २ नाम हैं। ('किसी २ के मससे 'रेणुः,........ ६ नाम 'धूलमात्र के हैं')॥ ८ समुस्पिनः, पिञ्जलः (२ पु), 'अधिकप्याकुल सेना' के २ नाम हैं । १. 'पापकराश्चक्रिका परिकार्थकाइति पाठान्तरम् ।। २. 'मधुका' इति मुकुटसम्मतं पाठान्तरम् ॥ ३-४. तदुक्तम् 'वैतालिकाश्च कथ्यन्ते कविमिः सौखशायिकाः। रामः प्रबोधसमये घण्टाशियास्तु पाण्टिका ॥१॥ इति ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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