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________________ ६९८ पिपीलिकागतिन्यायः पिपीलिकागतिन्यायः जुओ पृ० ६३४ पिशंग वि० पींगळो रंग। पिशुन पुं० चाडियो; निंदाखोर (२) नारद (३) कागडो पिष्टपेषणन्यायः जुओ पृ० ६३४ . पिष्टातक पुं० अबील; सुगंधी चूर्ण पीठमदिका स्त्री० नायिकाने तेना प्रेमीनो संग प्राप्त करवामां मदद करनार सखी पील पुं० परमाणु (२) बाण (३) हाथी (४) ताडनुं थड (५) ताडनुं झुंड (६) पीलुन झाड पुटीक पडियानो आकार बनाववो; संपुटनो आकार बनाववो पुण्यक न० स्त्री पतिनो प्रेम जाळवी राखवा तथा पुत्र मेळववा जे व्रत करे छे ते [प्रकारनी रीत पुनर्जीन न० पक्षीनी ऊडवानी एक पुरमार्ग पुं० नगरनो रस्तो- मार्ग पुरंदरक्ष्माधर पुं० महेंद्र पर्वत (जुओ पृ० ६१८) पुरु पुं० जुओ पृ० ६१३ पुरुषपुर न० जुओ पृ० ६१३ । पुरुषशीर्षक पुं० चोरन एक साधन (भोतमां पाडेला वाकामां खोसवानुं बनावटी माथु) पुरूरवस् पुं० जुओ पृ० ६१३ पुरोचन पुं० जुओ पृ० ६१३ पुलस्त्य पुं० जुओ पृ० ६१३ पुलिददेश पुं० जुओ पृ० ६१३ पुष्टलगुडन्यायः जुओ पृ० ६३४ पुष्पदंत पुं० शिवनो एक गण (२) महिम्नस्तोत्रनो कर्ता (३) वायव्य खूणानो दिग्गज [वींटण पुस्तकास्तरण न० हस्तलिखित पुस्तकनु पुस्तिकापूलिक पुं० हस्तप्रतोनो संग्रह पंगवकेतु पुं० शंकर (ध्वजमां वृषभवाळा) पुंड्रदेश पुं० जुओ पृ० ६१३ प्रतिमात्रा नाग पुं० मनुष्योमां हाथी - श्रेष्ठ एवो ते (२) सफेद हाथी (३) सफेद कमळ (४) नागकेशर वृक्ष (५) एक वृक्ष (६) जायफळ पूर्वपितामह पुं० पूर्वज [(२५ मुं) पूर्वप्रोष्ठपदा स्त्री० पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र पूर्वसंध्या स्त्री० प्रभात; परोढ पृथामिन् वि० द्वैतवादी पेषीक दळवं; कचर, पौनव पुं० पुनर्लग्न करेली विधवानो पुत्र (२) स्त्रीनो बीजो पति [ते प्रकांडक पुं० थड (२)कोई वर्गन श्रेष्ठ प्रश्विद् गुंजवू ; गाजवू; सुसवाट करवो प्रघाण पुं० घरना दरवाजा आगळy कमानदार ओरडा जेवू बांधकाम प्रचषाल न० यज्ञस्तंभ उपरनो चक्र जेवो शणगार [पडी जq ते प्रच्युति स्त्री० च्यव-गबडवूते;-मांथी प्रणयवत् वि० प्रेमपूर्ण (२) झंखतुं । प्रतक् १० उ० अनुमान करवू (२) धारवं; मानवू [शोक प्रतिकामिनी स्त्री प्रेममा हरीफ स्त्री; प्रतिकारविधान न० दवा वगेरे उपचार प्रतिपक्षकामिनी, प्रतिपक्षलक्ष्मी स्त्री० सपत्नी; शोक प्रतिपत्तिपराङ्मुख वि० हठीलं; जक्की प्रतिपत्तिविशारद वि० चतुर; होशियार प्रतिपल्लव पुं० सामे आवेली - वधु लंबाती डाळी प्रतिपाण पुं० होड; सामी होड प्रतिपात्रम् अ० दरेक पात्रना संबंधमां प्रतिप्रास्थानिक वि० अध्वर्युना मददनीशन प्रतिबंद्धता स्त्री० खंडन; विरोध प्रतिबंधु पुं० समान दरज्जानो माणस प्रतिबू २ उ० जवाब आपवो प्रतिमाचंद्र पुं० चंद्रन प्रतिबिंब .. प्रतिमात्रा स्त्री० माया-प्रयोगनी सामेनो (तेना निवारण माटेनो) माया-प्रयोग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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