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________________ मंत्रि मंडलायित ३७४ मंडलायित वि० गोळ कंडाळं बनतुं के मंत्रजिह पुं० अग्नि बनावतुं होय तेवू (२)न० गोळो ; दडो मंत्रज्ञ वि० वेदमंत्र जाणनाएं (२) सलाह मंडलात्ति स्त्री० गोळ चक्कर फरवू ते आपवामां कुशळ (३) पुं० सलाहकार मंडलिन् वि० कुंडाळं बनावतुं; कुंडाळं (४) विद्वान ब्राह्मण [सलाह वळतुं होय तेवू (२) प्रांत उपर राज्य मंत्रण न०, मंत्रणास्त्री० विचारणा (२) करतुं (३)पुं० साप (४)प्रांताधिकारी मंत्रदर्शिन, मंत्रदश वि० वेदमंत्रो जेने मंडली स्त्री० कुंडाळं (२)टोळी; समुदाय स्फुर्या होय तेवू (२) श्रोत्रिय ; वेद मंडलीक पुं० खंडियो राजा . जाणनारुं (३) सलाहकार मंडित ('मंड्' - भू००) वि० शणगारेलु मंत्रधर, मंत्रधारिन् पुं० सलाहकार मंडुक न० ढालनो हाथो मंत्रपूत वि० मंत्र वडे पवित्र करेलु मंडूक पुं० देडको मंत्रप्रचार पुं० मंत्रणा के सलाहनो मंडूककुल न० देडकांनो समुदाय शिरस्तो के क्रम मंडकयोग पुं० देडका पेठे निश्चल बेसी मंत्रप्रयोग पुं० मंत्रशक्तिनो उपयोग करातुं ध्यान मंत्रभेद पुं० गुप्त वात प्रगट करी देवी मंतव्य वि० विचारवा लायक (२) कल्पी ते (२) मंत्रणा जाहेर करी देवी ते शकाय तेवू (३) मान्य राखवा लायक मंत्रयुक्ति स्त्री० मंत्रप्रयोग करवो ते मंतु पुं० अपराध; दोष (२) मानवजात मंत्रवत् वि० मंत्र साथेनुं (२) दीक्षित (३) सलाह(४) स्त्री० बुद्धि;समजशक्ति मंत्रवादिन् पुं० वेदमंत्र पडनारो (२) मंत्र १० आ० (कोई वार प० पण) जादुगर; तांत्रिक मंत्रणा करवी; सलाह करवी; सलाह मंत्रशक्ति स्त्री० मंत्रतंत्रनी शक्ति लेवी (२) सलाह आपवी (३) मंत्र मंत्रश्रुति स्त्री० कोईनी गुप्त मंत्रणा बोलवा (४) बोलवू; वात करवी सांभळी लेवी ते गप्त राखवी ते मंत्र पुं०.वेदनुं स्तोत्र के तेनो शब्दसमूह मंत्रसंवरण न० कोई योजना के मंत्रणा (कोई देवने संबोधायेलो) (२) मंत्रसाधन न० मंत्र वडे वश करवं ते; वेदनो संहिताभाग ('ब्राह्मण' भागथी मंत्र- वडे साधवं के सिद्ध करवं ते जुदो) (३) गूढशक्तिवाळो शब्दसमूह (२) मंत्रतंत्रथी चमत्कारी शक्ति (४) मंत्रणा; विचारणा; सलाह (५) मेळववी ते गुप्त योजना; रहस्य (६) उपाय; युक्ति मंत्रसाध्य वि० मंत्रतंत्रथी वश कराय के मंत्रकर्कश वि० कठोर राजनीतिनी असर पहोंचाडाय तेवू (२) मंत्रणा तरफेण करतुं के विचारणाथी मळे ते, मंत्रकृत् पुं० वेद-मंत्रनो रचनारो (२) मंत्रसिद्ध वि० मंत्रतंत्रनी शक्ति प्राप्त मंत्र भणनारो (३) सलाहकार (४) करेलं; तेनाथी असरकारक बनेलं राजदूत; एलची मंत्रसिद्धि स्त्री० मंत्र सिद्ध करता ते मंत्रकृत वि० मंत्रोथी पवित्र करेलू (२) मंत्र साधवाथी मळती शक्ति मंत्रगंडक पुं० एक प्रकारनुं तावीज (२) मंत्राधिराज पुं० मंत्रोनो अधिनायक ज्ञान; विद्या [ओरडो (वेताल) [प्रयत्न करवो ते मंत्रगृह न० (राजानो)मंत्रणा माटेनो मंत्राराधन न० मंत्रना बळे मेळववा मंत्रग्रह पुं० मंत्रीओनी सलाह लेवी ते मंत्रि पुं० जुओ ‘मंत्रिन्' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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