SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 246
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नयशालिन २३२ नवद्वार नयशालिन् वि० सदाचारी; नीतिमान जयकार करेलु (३) पुं० पासानो नयशास्त्र न० राजनीतिशास्त्र (२) एक दाव (४) न० गर्जना नीतिशास्त्र नर्मगर्भ वि० मजाकवाळ (२) पुं० नर पुं० पुरुष (२) एक प्राचीन ऋषि यार; आशक [विदूषक (३) (ते ऋषिनो अवतार) अर्जुन नर्मद वि० आनंद आपनाएं (२) पुं० नरक पुं० नरकासुर राक्षस (२) पुं०, नर्मन् न० क्रीडा (२) मश्करी; ठट्ठो न० नरक; दोजख नर्मसचिव, नर्मसुहृद् पुं० विदूषक; नरकजित्, नरकरिपु पुं० श्रीकृष्ण आनंद माटे रखातो सोबती नरदेव पुं० राजा नर्मोक्ति स्त्री० मजाकमां कहेली वात नरद्विष् पुं० राक्षस; पिशाच नल पुं० एक जातनु बरु (२) निषध नरनारायण पुं० श्रीकृष्ण (२) द्वि०व० देशनो राजा; दमयंतीनो पति (३) बे प्राचीन ऋषिओ; तेमना अवताररूप एक वानर (तेणे लंकानो सेतु बांध्यो अर्जुन अने श्रीकृष्ण हतो) (४) चार हाथ जेटलं माप (५) नरपति, नरपाल पुं० राजा न० नील कमळ नरपुंगव, नरर्षभ पुं० नरश्रेष्ठ नलक न० शरीर- कोई पण लांबु हाडकुं नरवाहन पुं० कुबेर नलद न० सुगंधी वाळो; वीरण नरव्याघ्र, नरशार्दल पं० नरश्रेष्ठ नलमीन पुं० एक जातनुं मत्स्य नरसख पं० नारायण । नलिका स्त्री० नळी (२) नाडी शिरा नरसिंह, नरहरि पुं० विष्णुनो चोथो (३) बाणनो भाथो अवतार; नृसिंह नलिन पुं० सारस पक्षी (२) न० नराधम पुं० नीच-हलको माणस कमळ (३) पाणी नराधिप, नराधिपति पुं० राजा नलिनी स्त्री० कमळनो छोड़ (२) नराश पुं० राक्षस; पिशाच कमळसमूहः (३) कमळपूर्ण सरोवर नरांतक पुं० मृत्यु (४) इंद्रनी नगरी नरी स्त्री० स्त्री नलिनीखंड न० कमळनो समूह नरेश, नरेश्वर पुं० राजा नलिनीदल, नलिनीपत्र न० कमळ, पान नरेंद्र पुं० राजा (२)वैद्य ; विषवैद्य नलिनीषंड न० जुओ 'नलिनीखंड' नर्त पुं० नृत्य; नाच नव वि० नवं ; ताजु (२)आधुनिक नर्तक पुं० नाचनारो; नट (२) नृत्य नवग्रहाः पुं० ब० व० नव ग्रहो (सूर्य, शीखवनार (३)हाथी(४) शिवं चन्द्र, पांच ग्रह, राहु अने केतु) नर्तकी स्त्री० नाचनारी गानारी; नटी नवछिन्त्र न० शरीर (मुख, बे कान, नर्तन पुं० नाचनार (२)न० नृत्य बे आंख, बे नसकोरां तथा मल अने नर्तयितु पुं० नृत्य शीखवनार शिक्षक मूत्रनां बे द्वार - एम नव छिद्रवाळू) नतित वि० नचावेलं; नाचेल (२) नवता स्त्री० नवीनता (२)ताजापणं नाचतुं,ऊंचुनीचं थतुं नवति स्त्री० नेवं (संख्या) नई १ ५० गर्जना करवी नवदुर्गा स्त्री० (भद्रा, काली, चंडिका नर्दन न० गर्जना(२)जयजयकार इ०) नव रूपो धारण करनारी-दुर्गा नदित वि० गर्जना करेलु (२) जय नवद्वार न० जुओ 'नवछिद्र' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy