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________________ नवजा नवघा अ० नव प्रकारे नवन् वि० ( ब० व०) नव; ९ ( समासनी शरुआतमां अंत्य 'न्' ऊडी जाय ) नवन न० वखाणवुं ते [ भंडार नवनिधि पुं० ( ब०व०) कुबेरना नव नवनी स्त्री०, नवनीत न० ताजुं माखण नवपाणिग्रहणा स्त्री० जुओ 'नवोढा' नवम् अ० हालमां; तुरतमां नवमल्लिका, नवमालिका स्त्री० एक फूलझाड नवयौवन न० नवी जुवानी नवयौवना स्त्री० जुवान स्त्री नवरत्न न० नव रत्नो (मुक्ता, माणिक्य, वैदूर्य, गोमेद, वज्र, विद्रुम, पद्मराग, मरकत, नील) (२) विक्रमना दरबारां नव रत्न ( धन्वंतरि क्षपणक, अमरसिंह, शंकु, वेताल, घटकर्पर, कालिदास, वराहमिहिर, वररुचि) नवरसाः पुं०ब०व० शृंगार, वीर, करुण, हास्य, अद्भुत, भयानक, बीभत्स, रौद्र ने शांत - ए नव रस ( काव्य ० ) नवरात्र न० आसो महिनाना शुक्लपक्षना प्रथम नव दिवसो ( दुर्गापूजाना ) नवशशिभृत् पुं० शिव ( चन्द्रकळा माथे धारण करनार ) नवसर पुं०, न० नव मोतीनुं एक घरेणुं नवांगी स्त्री० स्त्री नवांबु न० नवं पाणी; ताजुं पाणी नवीकृ ८ उ० ताजुं करवुं ( २ ) नवं करवुं नवीन वि० नवुं ( २ ) आधुनिक नवेतर वि० जून २३३ नवोढा स्त्री० तरतनी परणेली स्त्री नव्य वि० जुओ 'नवीन' नश् ४ १० नाश पामवुं ( २ ) अदृश्य थवं (३) नासी जनुं ( ४ ) निष्फळ जव - प्रेरक० भ्रष्ट करवुं (२) खोई नाखवुं ; खोई नंखाववुं (३) भूली जवुं नश्वर वि० नाशवंत ; क्षणिक ( २ ) विध्वंसक; विनाशक Jain Education International नंदिघोष नष्ट ('नश्' नुं भू० कृ० ) वि० नाश पामेलं (२) खोवायेलं (३) अदृश्य थलं (४) नासी गयेलुं (५) विनानुं; रहित ( समासमा ) (७) भ्रष्ट नष्टक्रिय वि० कृतघ्न नष्टचेतन, नष्टचेष्ट वि० मूर्छित नष्टरूप वि० अदृश्य नष्टसंज्ञ वि० मूर्च्छित नष्टातकम् अ० चिंता के भय विना नष्टात्मन् वि० बुद्धि के समज विनानुं नष्टार्थ वि० गरीब; धनहीन नष्टाशंक वि० भय के शंका विनानुं नस् स्त्री० नाक ( 'नासिका 'ना द्वितीया द्वि० व० पछी विकल्पे मुकाय छे) नस्या स्त्री० पशुना नाकमां परोवेली दोरी; नाथ नह ४ उ० बांधवं; वींटवुं (२) ( कपडां के बख्तर पहेरीने) सज्ज थवुं नहि अ० नहीं; नहीं ज नंं १ प० खुश थवुं; प्रसन्न थवं नंद पुं० आनंद; हर्ष ( २ ) श्रीकृष्णना पालक पिता (३) पाटलिपुत्रना नंदवंशनो स्थापक राजा नंदक वि० आनंद आपनारुं ( २ ) -मां आनंद लेनारुं (३)पुं० विष्णुनुं खड्ग नंद पुं० आनंद; हर्ष नंदन वि० आनंददायक; सुखकर ( २ ) पुं० पुत्र ( ३ ) न० इंद्रनुं उपवन (४) आनंद, हर्ष नंदनद्रुम पुं० नंदनवननुं वृक्ष नंदनवन न० इंद्रनुं उपवन नंदनंदन पुं० श्रीकृष्ण नंदना स्त्री० पुत्री नंदा स्त्री० आनंद (२) नणंद (३) समृद्धि (३) माटीनो नानो घडो (४) गौरी नंदात्मज पुं० श्रीकृष्ण नंदि पुं०, स्त्री० आनंद ( २ ) समृद्धि नंदिघोष पुं० अर्जुननो रथ ( २ ) आनंदनो अवाज For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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