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________________ नवीमुख नदीमुख न० नदी ज्यां समुद्रने मळे छे ते स्थान नदीश पुं० समुद्र ; महासागर नदीष्ण (-स्न) वि. नदीमा स्नान करनारु (२) नदीनी ऊंडाई वगेरे जाणनाएं (३) अनुभवी; कुशळ नख ('नह' न भू० कृ०)वि० बांधेलं; वींटेलं; जोडेलु (२) पहेरेलु ननंद, ननांदृ स्त्री० नणंद (२) साळी ननु अ० प्रश्न, खातरी, निश्चय, विनय, अनुनय,परवानगी, संभ्रम, आक्षेप-ए अर्थ बतावे('शु'; 'खरेखर'; 'रे'; 'अरे') नपात् पुं० पौत्र (२) वंशज नपुंस् (-स) पुं० नपुंसक नपुंसक पुं०, न० षंढ (२)न० नपुंसकलिंग (व्या०) नप्त पुं० पौत्र (पुत्रनो के पुत्रीनो पुत्र) नप्त्री स्त्री० पौत्री नभ् १ आ० ईजा करवी नभ वि० हिंसक ; ठार मारनारु (२) पुं० श्रावण मास (३) न० आकाश नभश्चर वि० आकाशमां फरनारु (२) पुं० देव (३) विद्याधर नभस् पुं० श्रावण मास (२)न० आकाश नभस्तल न० अंतरीक्ष; आकाशनुं तळ नभस्य पुं० भादरवो महिनो नभस्वत् वि० वादळांवाळु; धूमसवाळं (२) जुवान (३) पुं० पवन नभःसद् पुं० देव [घणुं ऊंचं नभःस्पृश् वि० आकाशने पहोंचे एवं; नभोमंडल न० गगनमंडल नम् १ उ० नमन - वंदन करवू (२) नीचुं नमवू - वळवू (३)नमी पडवू; ताबे थर्रा (४) वांकुं वळवू; वळी जवं -प्रेरक० नमावq; वाळवू (२)ताबे करवू; खंडियु बनाव [नमावनार नमन न० नमवू ते ; नमस्कार (२)पुं० नमस् अ० नमस्कार-वंदन (नाम जेवो अर्थ होवा छतां ते अव्यय गणाय छे) नयविशारद नमस वि० अनुकूळ नमस्करण न०, नमस्कार पुं० वंदन नमस्कृत वि० वंदित; पूजित नमस्कृति, नमस्क्रिया स्त्री० नमस्कार नमस्य वि० पूज्य; मान्य (२) नम्र नमस्यति प० (नमस्कार करवा) नमस्या स्त्री० पूजा; वंदना नमित वि० नमी पडेलं; नीचं नमेलं नमुचि पुं० इंद्रे हणेला एक राक्षसनुं नाम (२) कामदेव. नमुचिद्विष् पुं० इंद्र नमेरु पुं० रुद्राक्ष झाड नमोवाकम् अ० 'नमस्कार' एवो शब्द बोलीने; नमस्कार करीने नम्र वि० नीचुं नमेल; वळेलु (२)विनयी नय वि० दोरनारं; लई जनाएं; मार्ग दर्शावनाएं (२) उचित; न्याय्य (३) पुं० रीतभात ; वर्तन (४) सदाचार; नीति (५) अगमचेती; दूरदर्शिता (६) राजनीति (७)योजना; तरकीब (८)नियम (९)सिद्धान्त; मत नयचक्षुस् वि० राजनीतिज्ञ (२) अगम चेतीवाळू; डाहयु; समजणुं नयन न० दोरी जवू ते; लई जर्बु ते (२) व्यतीत करवू ते (समय)(३)आंख नयनज न० आंसु नयनपथ पुं० ज्यां सुधी आंख जोई शके ते मर्यादा; दृष्टिमर्यादा नयनपुट न० पापण नयनविषय पुं० कोई पण दृश्य पदार्थ (२) क्षितिज (३) दृष्टिमर्यादा नयनसलिल न० आंसु नयनाभिराम वि० मनोहर नयनांचल, नयनांत पुं० कटाक्ष (२) आंखनो खूणो नयनोपांत पुं० आंखनो खूणो नयवादिन्, नयविद्, नयविशारद पुं० राजनीतिमां कुशळ पुरुष; मुत्सद्दी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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