SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 244
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नक्षत्रनाथ २३० नदीमातृक नक्षत्रनाथ पुं० चंद्र [(३) विष्णु नम् पुं० नकार नक्षत्रनेमि पुं० चंद्र (२) ध्रुवनो तारो नट १ प० नृत्य कर (२) अभिनय नक्षत्रपथ पुं० ताराओ भरेलु आकाश करवो (३) १० उ० नीचे पडवू (४) नक्षत्रमाला स्त्री० ताराओ- नक्षत्रोनी प्रकाश (५) ईजा करवी माळा के समूह (२)२७ मोतीनी माळा -प्रेरक० अभिनय करवो (२)नकल (३) हाथीना गळानो हार करवी ; ना जेवा देखावं नक्षत्रराज पुं० चंद्र [ज्योतिःशास्त्र नट पुं० नटवो; नृत्य करनार (२) नक्षत्रविद्या स्त्री० खगोळशास्त्र; नाटकमां अभिनय करनार; ‘एक्टर' नख पुं०, न० हाथपगनां आंगळांनां नटवर पुं० मुख्य नट (२) नाटकनो टेरवां उपर वधतो रहेतो कठण भाग सूत्रधार (३)श्रीकृष्ण (२) नहोर नटित न० अभिनय नखपद पुं० नखनो उझरडो नटी स्त्री० स्त्री-नट (२) मुख्य स्त्रीनखर पुं०, न० नख ; नहोर नट (सूत्रधारनी पत्नी गणाय छे) नखत्रण पं. जुओ 'नखपद' नड पुं०, न० एक जात, नेतर नखंपच वि० नखने रांधी नाखनारु- नड्वल वि० बहु नेतर के बरुवाळू नबळो पाडी देनाएं [तेनी निशानी नत ('नम्' नुं भू० कृ०) वि० नमेलं; नखाघात पुं०, न० नखनो उझरडो; नमतुं (२) नमस्कार करतुं (३) नखानखि अ० सामसामा नख मारीने वळेलु; वांकु नखांक पुं० जुओ 'नखाघात' नतनाभि वि० पातळं; नाजुक नखिन् वि० नख - नहोरवाळू नतभ्र स्त्री० वांकी भमरोवाळं नग पुं० पर्वत (२) वृक्ष नतांगी स्त्री० नमेला अवयवोवाळी नगज पुं० पर्वतमा जन्मेलु स्त्री (२) स्त्री नगनदी स्त्री० जुओ 'नगापगा' नति स्त्री० नमवू - वांकुं वळवू ते (२) नगनिम्नगा स्त्री० जुओ 'नगापगा' वक्रता (३) प्रणाम; वंदन नगपति पुं० हिमालय नतोन्नत वि० ऊंचं ने नीचु ; विषम नगभिद् पुं० इंद्र ; जुओ 'नगारि' नत्यूह पुं० एक जातवें पक्षी नगर न० मोटुं शहेर नद् १५० अवाज करवो; पडधो पाडवो नगरंध्रकर पुं० कार्तिकेय (२) गर्जना करवी (३) बूम पाडवी नगरी स्त्री० नगर; शहेर नद पुं० मोटी नदी (सिंधु जेवी) (२) नगाधिप, नगाधिराज पुं० हिमालय प्रवाह ; वहेळो नगापगा स्त्री० पर्वतनी नदी नदपति, नदराज पुं० महासागर नगारि पुं० इंद्र (पर्वतोनी पांखोने नवी स्त्री० पर्वत इ० मांथी नीकळीने कापी नाखनार) वहेतो जळप्रवाह; सरिता नगेंद्र पुं० हिमालय नदीकल न० नदीकिनारो नग्न, नग्नक वि० नागू; वस्त्ररहित नदीज पुं० भीष्म (२) न० कमळ नग्नमुषितप्रख्य वि० लूटीने छेक ज नदीन (नदी + ईन), नदीपति पुं० नागुं करी नाखेलु समुद्र; महासागर (२) वरुण नग्नीकृत वि० नग्न करेलु (२) नागा नदीमातृक वि० नदीना पाणीथी सींचाई रहेता पंथमां भेळवेलं थती होय तेवू Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy