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गोबर गोवर न० गोबर; गायनुं छाण गोबाट पुं० गायोनी कोढ ; वाडो गोविसर्ग पुं० परोठियं (गायो घरवा
छूटी मुकाय छे ते वेळा) गोविद पुं० गायोने पाळनार (२)श्रीकृष्ण
(३) बृहस्पति गोवृंद न० गायोनो समूह गोवज पुं० गायोनो वाडो गोष्ठ पुं०, न० गायोनी कोढ (२)निवास
स्थान (३) पुं० सभा गोष्ठि (-ठी) स्त्री० सभा (२) समाज; मंडळ (३)संभाषण; चर्चा (४)समूह; समुदाय (५) कौटुंबिक संबंध गोष्पद न० गायनो पग (२) गायना पगलानो पडेलो खाडो (३) नानूखाबोचियुं (गायना पगलाथी पडेला खाडामां समाय तेटला पाणीवाळू) गोसंख्य पुं० गोवाळियो गोस्तन पुं० गायनुं अडण - बावलं गोस्थान न० गायनी कोढ . गोस्वामिन् पुं० गायोनो मालिक (२) (इंद्रियनिग्रही) साधु (३)नामनी आगळ लगाडातो सन्मानदर्शक शब्द गौड वि० गोळनुं बनावेलू (२) गौड देशने लगतुं (३) पुं० एक प्रदेशनुं नाम (प्राचीन बंगाळ) (४)न० मीठाई गोडी स्त्री० गोळनो दारू गौण वि० मुख्य नहि तेवू; पेटामां आवतुं
(२) औपचारिक ; लाक्षणिक गौतमी स्त्री० द्रोणाचार्यनी पत्नी (२) गोदावरी नदी (३) (गौतम) बुद्धनो सिद्धांत (४) न्यायदर्शन (गौतम मुनि प्रतिपादित) (५) दुर्गा गौर वि० गोरु; धोळु (२)पीळाश पडतुं लाल (३) चकचकित; प्रकाशित (४) स्वच्छ ; सुंदर गौरक्ष्य न० गायना पालन- काम गौरव न० भार; वजन (२) मोटाई; महत्ता (३) मान; आदर
गौरी स्त्री पार्वती (२) रजोदर्शन नहि पामेली छोकरी (आठ वर्षनी) (३) गौर रंगना चहेरावाळी स्त्री (४)पृथ्वी
(५) गोरोचना गौरीकांत पुं० शंकर गौरीगुरु पुं० हिमालय (पार्वतीना पिता) . गौरीनाथ, गौरीपति पुं० शंकर प्रथ् १ आ० [ग्रथते, ग्रंथते] वांकुं थएँ; वांकुं वाळवू (२) दुष्ट थर्बु अथित ('प्रथ्' तथा 'ग्रंथ्' नुं भू० कृ०) वि० बांधेलं ; गूंथेलं (२) रचेलं; लखेलु (३) गोठवेलु (४)गंठायेल; घट्ट थयेलु (५)कठण थयेलुं (६) हरावेलु; पकडेलु (७) ईजा पामेलं प्रस् १ आ० गळी जq; कोळियो करी जवो (२) पकडQ (३) ग्रहण करवू (सूर्यचंद्रने) (४) १ प०, १० उ० खाई जq; कोळियो करवो असिष्णु वि० गळी जनाएं ग्रस्त ('ग्रस्' नुं भू० कृ०) वि० गळी
जवायेलुं (२) पकडायेलं (३) ग्रहण थयेलु (सूर्य के चंद्र) ग्रह ९ उ० [गृह्णाति-गृह्णीते] पकडवू (२)लेवू; स्वीकार करवो (३) केद करवू (४) काबूमा लेवं; अटकाव (५) आकर्षq; वश करवू (६) समजावq; पक्षमा लेवू (७) खुश करवू; संतोषवू (८)धारण करवु (९) जाणवु; समजवु (१०)मानवं; धारQ (११) इंद्रियथी ग्रहण करवू (सांभळवू इ०)(१२)उल्लेखवू; उच्चारवं (नाम) (१३) हरण करवू; लई लेवं (१४)खरीदवू (१५) पहेरवु (वस्त्र) (१६) धारण करवू (गर्भ) (१७) पालन करवू (व्रत, उपवास इ०) (१८)काम माथे लेवू ग्रह पुं० लेवू - ग्रहण करवू ते; लई लेवं ते (२) पकड (३) स्वीकार करवो ते (४) ग्रहण (सूर्यनुं के चंद्रन) (५) चोरी; लूट
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