SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 55
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उपबा. आ कृतिओ गुजराती भाषानां शब्दो, व्याकरणरूपो अने वाक्योने संस्कृत पर्यायो आपीने समजावे छे. छेल्ले सर्व सामग्रीने आवरी लेतो विस्तृत शब्दानुक्रम छे, जेमां ४००० उपरांत शब्दो ने शब्दसमूहो नोंधाया छे. आ केवळ शब्दानुक्रम छे, त्यां अर्थ नोंघेल नथी, पण निर्दिष्ट स्थाने अर्थ - अलबत्त संस्कृतमा - मळे छे. सत्तरमी सदीना शब्दार्थोना एक प्रमाणभूत दस्तावेज तरीके आ ग्रंथनी सामग्री, मोटुं मूल्य छे. तेथी संस्कृतना आधारे गुजराती अर्थ करीने आ ग्रंथना शब्दकोशनो लाभ लेवानुं इष्ट मण्युं छे. सत्तरमी सदीमां वपराता शब्दोमां आजे वपराता शब्दो पण होय ज. ए अहीं लेवाना न होय ए स्पष्ट छे. मध्यकाळमां 'ख' माटेर्नु लिपिचिह्न पण 'ष' हतुं. आ पुस्तकना शब्दानुक्रममां 'ख'थी आरंभाता शब्दो 'ख'मां तेमज 'ष'मां एम बन्ने स्थाने मुकायेला छे. 'ष'मा 'ष(ख)ईई' एम करीने शब्दो नोंध्या छे. आ संकलित शब्दकोशमां बधा शब्दो 'ख'ना क्रममा ज लीधा छे. . अ स्टडी ऑव् ध गुजराती लैंग्विज इन ध सिक्स्टिन्थ सेन्च्युरी (वी.एस.) विथ स्पेशिअल रेफरन्स टु ध एमएस. बालावबोध टु उपदेशमाला, त्रिंबकलाल एन. दवे, ध रॉयल अॅशिआटिक सोसायटी, लन्डन, १९३५. आमां नन्नसूरिचित बालावबोध समाविष्ट छे. ए १४८७मां रचायेलो छे. बालावबोधना लगभग १६०० शब्दोने समावतो शब्दकोश आमां छे. कृतिपाठ, शब्दकोश वगेरे सघळु रोमन लिपिमां छे. शब्दो परत्वे लगभग अशेषपणे स्थाननिर्देश करवानो प्रयल देखाय छे अने दरेक स्थाने वपरायेला शब्दना व्याकरणी रूपने पण ओळखाव्युं छे. शब्दोना अर्थ अंग्रेजीमां छे, जेनो अहीं गुजराती अनुवाद करवामां आव्यो छे. शब्दोनी व्युत्पत्ति दर्शाववामां आवी छे. 'ख' 'ष' रूपे लखायेलो होवाथी एनाथी आरंभाता शब्दो (जेमके 'खउरउ') 'ष'ना क्रममा ज मूकेला छे, जे आ कोशमां 'ख'ना क्रममां लई लीधा छे. (वीरसिंहकृतं) उषाहरण, संपा. भोगीलाल ज. सांडेसरा, प्रका. फार्बस गुजराती सभा, मुंबई, १९३८.. कृतिनुं रचनावर्ष नथी पण प्राप्त प्रतनुं लेखनवर्ष १५१३ (सं.१५६९) छे ने एनो रचनाकाळ पंदरमी सदीनुं त्रीजुं चरण होवानुं अनुमान थयुं छे. शब्दकोशमां आशरे ४०० शब्दो छे. मूळ संस्कृत-प्राकृत-देश्य शब्दो उषाह. Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016071
Book TitleMadhyakalin Gujarati Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayant Kothari
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1995
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy