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________________ [३८] अणगाल "अभिऊ. [अकाल, खराब समय] चोरस कौंसमांना अर्थो संकलित कोशना संपादके आपेला अर्थ छे. अचव्युं अखाका. अखाछ. अखेगी. "नरका. न कहेलु, अवर्णनीय आ दाखलामां नरका.नो अर्थ छोडवामां आव्यो छे पण बाकीना त्रण ग्रंथोमां तो शब्दनो अहीं नोंघेलो साचो अर्थ ज मळे छ एम समजवानुं छे. अजमाल *अखाका. "अखाछ. चित्तसं. ?, ["उजमाळ, "उज्ज्वल, *प्रकाशमान, *प्रकाशित आ दाखलामां अखाका. अने अखाछ.ना अर्थो छोडवामां आव्या छे, ज्यारे चित्तसं.मां अर्थने स्थाने "?' छे एम समजवानुं छे. चोरस कौंसमां संकलित कोशना संपादके आपेला अर्थो पण केवळ तर्करूप ने तेथी संदेहास्पद छे एम फूदडीनी निशानी बतावे छे. आधारग्रंथमां शब्द जे स्थाने होवानु निर्देशायुं होय त्यां ए घणी वार मळ्यो नथी. आनुं कारण, अलबत्त, पृष्ठ के कडी-पंक्तिना अंकोमा थयेली छापभूल होय छे. आ कोशना संपादके साचो स्थाननिर्देश शोधवा प्रयत्न कर्यो छे अने घणी वार मळी पण गयो छे. तो स्थाननिर्देश घणा प्रयलो पछी पण न मळ्यो होय एव॒ये बन्युं छे. केटलीक वार आधारग्रंथना संपादकधी स्थाननिर्देश करवानुं चुकाई गयुं होय छे. स्थाननिर्देश न जड्यो होय त्यां शब्दार्थनी चकासणी न थई शकी होय ए स्वाभाविक छे. आ स्थितिने दर्शाववा आधारग्रंथना संक्षेपाक्षर पूर्वे ० मींडानी निशानी करेल छे. जेमके, किलिछु ०ऐतिका. क्लिष्ट अहीं एम समजवान छे के ऐतिका.मां आ शब्दनो स्थाननिर्देश नथी अथवा खोटो छे ने साचो स्थाननर्देश मेळवी शकायो नथी. अर्थ, अलबत्त, स्वीकार्य ज लाग्यो डुडी कामा(त्रि). ०कामा(शा). दांडी, ढंढेरो अहीं एम समजवानुं छे के आपेलो अर्थ तो कामा(शा).माथी मळ्यो छे, परंतु एमां स्थाननिर्देश नथी अथवा साचो नथी. ए ध्यानमा राखवानुं छे के आ संकलित कोशना संपादके घणे स्थाने साचो स्थाननिर्देश शोधी लीधो छे पण ए कई आ कोशमां आपी न शकाय. एटले मूळ आधारग्रंथ सुधी जनारने अहीं ० निशानी न होय तेवा ग्रंथमां पण निर्दिष्ट स्थाने शब्द न जडे एवू बनशे. ते उपरांत जे शब्दनो अर्थ चकासवानी जरूर पडी होय तेनुं स्थान ज आ संकलित कोशना संपादके शोध्यु होय. अन्य शब्दो परत्वे खोटा स्थाननिर्देशो Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016071
Book TitleMadhyakalin Gujarati Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayant Kothari
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1995
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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