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________________ जैन आगम प्राणी कोश 71 होती है। आगे वाली टांगें छोटी तथा पीछे की टांगें बड़ी मंस [मंस] जीव टीप, 40 भुज परिसर्प-विशेष। होती हैं। हरा, काला, पीला, भूरा लगभग सभी रंगों में Spotted Linseng-चित्तिदार लिनसेंग (मंस), मांस। पाए जाते हैं। आकार-लम्बाई में नकुल की भांति एवं ऊंचाई में पालतू बिल्ली से छोटा। लक्षण-लम्बे शरीर पर हल्के रंग के छोटे फर के बीच-बीच में गहरे. धब्बे फैले होते हैं। यह वृक्ष पर कुशलता पूर्वक चढ़ने वाला चतुर शिकारी प्राणी है। हिमालय वासी इसे मांस के नाम से जानते हैं। इसका सिर नोकीला, हाथ-पैर छोटे तथा पूंछ लम्बी होती है, जिसमें आठ से दस तक गहरे रंग के घेरे होते हैं। विवरण-पहाड़ी क्षेत्रों एवं हिमालय के जंगलों में पाया जाने वाला यह प्राणी भूमि पर पेट के बल रेंग कर अपने विवरण-समुद्रों, झीलों, तालाबों आदि में इसकी शिकार पर आक्रमण करता है। चूंकि यह बहुत पतला सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। यह एक उभयचर प्राणी होता है, इसलिए इसे गलती से प्रायः भारी शरीर वाला है। इसकी खाल नम होने के कारण सूर्य की गर्मी अधिक जहरीला सर्प समझ लिया जाता है। समय तक नहीं सह सकती। यह प्राणी अपने फेफड़ों [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-भारत के संकटग्रस्त के साथ-साथ अपनी खाल से भी श्वास ले सकता है। are groft, Man and Animals] इसको सभी वस्तुएं सफेद दिखाई देती हैं। कुछ मेंढ़क अपने पैरों की गद्दी की सहायता से पेड़ों पर भी चढ़ मंसकच्छभ [मांसकच्छप] प्रज्ञा. 1/57 सकते हैं। Leathery, Trunk Turtle-चीमड़ कछुआ, मांस अमरीका में एक पौंड से ऊपर वजन का मेंढक पाया बहुल कच्छप। जाता है जो डेढ़ गज लम्बे सांप को खा जाता है। पश्चिम आकार-त्रिकोणाकार शरीर वाला। लक्षण-शरीर का ऊपरी भाग-केरोपेस. चिकना और अफ्रीका में तीन फीट लम्वा मेंढक पाया जाता है, जिसकी टर्र-टर्र की आवाज कई कि.मी. तक सुनाई देती रबर जैसा होता है, जिसमें कुछ लम्बाई में उभरी हुई है। ब्राजील के टोडा नामक मेंढक की आंख के ऊपर रेखाएं होती हैं। पैरों का फैलाव 10 फुट तक तथा गर्दन दो छोटे-छोटे सींग होते हैं जो बहुत जहरीलें होते हैं। भारी होती है। क्लिपर के आगे का जोड़ा लंबा और पश्चिम कोलम्बिया में तीव्र विष वाले मेंढक पाए जाते तिकोना होता है। जबकि पीछे का जोड़ा चौड़ा और पूंछ हैं, जिनका विष 'कोबरा' से भी 20 गणा अधिक होता से मिला होता है। शरीर का रंग सामान्यतः सलेटी है। उस विष से 1500 व्यक्तियों की जान जा सकती काला सफेद धब्बे युक्त होता है। नीचे का भाग हल्का गुलाबी तथा कहीं-कहीं सफेद और काला होता मंदुय [मन्दुक] प्रश्नव्या. 1/5 [पा.] AKind of Crocodile-घड़ियाल की एक जाति देखें-गाह विवरण-हिंद महासागर में पाया जाने वाला यह कच्छप 400 से 700 k.g. तक होता है। इतना भारी होते हुए भी यह तैरने में अति कुशल तथा ताकतवर होता है। केवल अंडे देने के लिए ही पृथ्वी पर आता मंधादय [मन्धादय] सू. 1/3/71 Sheep-मेष, गाड़र। देखें-अमिल शेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-कच्छप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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