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________________ परिशिष्ट १ ४८३ देशी परिअम्मिअ-अलंकृत पविसट्ट--विकसित परिअल-थाल पव्वंचलक्क-अशक्त परिआल-परिवृत पसव-नकुल-नकुल इत्यर्थे देशी परिआली–भोजन-पात्र पसविय-नकुल-नकुल इत्यर्थे परिओस-विद्वेष-विशेष परिक्खाइअअ-परिक्षीण पसाइमा-भील के सिर पर परिचड्डण-१ परिमर्दक । पर्णपुटी २ परिमर्दन पसुल-जार परिचड्डिय-१ आस्वादित । पहिल-पहला, प्रथम २ आरूढ पहिल्लय-प्रथम, पहला परिचक्किय-परिभ्रष्ट-परिभ्रष्ट पहुत्त प्राप्त इत्यर्थे देशी पहुल्ल-प्रभूत परिच्चड-उत्क्षिप्त पाइक्क-पदाति परिछंडिय-परित्यक्त पाउरण-कवच, वर्म परिणडिअ-वंचित पाउल-१ प्रसन्न स्त्रियों का समूह । परिमोक्कल-स्वैर, स्वच्छन्द २ याचक परियंदणय-लोरी पाउहारी-भातपानी लाने वाली परियल-थाली पाडय-उपनगर परिसक्किर-चलित पाहुअ—साक्षी, प्रतिभू परिहाइअ-परिक्षीण पाडहुक-प्रतिभू, मनौतिया पलहिअअ-मूर्ख, पाषाण-हृदय पाडिग्गह-विश्राम पलिहइ क्षेत्र, खेत पाडिहेर-प्रातिहार्य पल्लक-लम्पट पाडी-भैंस की बछिया पल्लट्टिय-परिवर्तित पाइअ-प्रिय, पंडा पल्लिअ-१ आक्रान्त । २ ग्रस्त । पाडोस-पडोस ३ प्रेरित पाडोसिअ-पडोसी पल्लित्त-पर्यस्त पाढा-शोभा पल्लीवण-चोरों की पल्ली पाणट्ठी-रथ्या पल्हत्थ-पर्यस्त पाणाअ-दोनों हाथों का आघात पवट्ठ-दक्ष पादुग्ग-सभ्य पवत्तिया-संन्यासी का एक उपकरण पामर-किसान पविग्ध-विस्मृत | पाम्मि---पाणि, हाथ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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