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________________ अरणेट्टय-पत्थरों के टुकड़ों से मिली हुई सफेद मिट्टी अरलाअ-१ चिरिका । २ मशक अरि-चक्र अरोर-धनाढ्य, दरिद्रता से मुक्त अलंड--आरोप अलवलवसह-दुष्ट बैल अलियल्ल-व्याघ्र अलियल्लि-व्याघ्री अलिल्लह-१ छन्द-विशेष । २ अप्रयोजक, नियम रहित अलिसार-क्षीर अलीढा-मिथ्याचारिणी कुलटा अल्ल-१ कम्प-कम्पे देशी । २ आलीन अल्लय-आंवला अल्लविअ--दिया गया अल्लि-व्याघ्र अल्लिय-भौंरा अल्लिल्ल-भ्रमर अवअण्ह-उलूखल अवआर-लोकयात्रा अवइज्झिय-त्यक्त अवउडग-गले को मरोड़ कर बांधना, बंधन का एक प्रकार अवऊढ-व्यलीक अवंग- अपामार्ग अवंगु-खुला, अनावृत अवकुम्माणिका-विलास अवक्ख-निस्तेज अवखा-चिंता अवगद-आक्रान्त देशी शब्दकोश अवगल-आक्रान्त अवगिचण-पृथक्करण अवडक्किय-कूप में गिरकर मरा हुआ अवडल्लिय-कूप आदि में गिरा हुआ अवमिच्चअ-उधार पर खरीदा गया अवरज्ज-गत दिवस अवरत्तय--अनुताप, पश्चात्ताप अवरिज्ज--१ अद्वितीय । २ उत्तरीय अवरु डिय-आलिङ्गित, व्याप्त अवरुप्पर-परस्पर अवरोप्पर-परस्पर अवलुय-चित्तखेद अवसण्ण-झरा हुआ, टपका हुआ अवसरिअ-विरह अवसेरी-चिंता अवहाडिय-उत्क्रुष्ट, जिस पर आक्रोश किया गया हो वह अवहिट्र-१ अभिमानी । २ मैथुन अवहोअ-विरह, वियोग अवाडिअ-वञ्चित, प्रतारित अवाहिय-अध्यासित अविउत्थग-स्थान-विशेष अविउल -अनुद्विग्न अवियज्झ-आयत्त, प्राप्त अविरिक्क-सायंकालीन भोजन अविहंग-स्वभाव से-स्वभावतः ___इत्यर्थे देशी अविहंडिय-परिपूर्ण अविहिअ-मत्त, उन्मत्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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