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________________ परिशिष्ट १ अब्बारिट्रि-नटखटपन अग्धो-अहो असआणा-बुभुक्षा, भूख असइ-अभाव, अविद्यमानता असराल-१ विकराल । २ ___अश्वशाला असालिय-सर्प की एक जाति असाहार-अतुल, अनुपम असुहावणय-अशोभन अस्संगिअ-आसक्त अहट्ट-प्रपंच महद्ध-स्नेह-रहित अहासंखड-निष्कम्प, निश्चल अहिउत्त-व्याप्त, खचित अहिट्टिय-हर्षित अहिरिअ-शोभाहीन, विच्छाय अहिरीमाण-१ अमनोहर । २ अलज्जाकारक अहिरेइअ-परिपूर्ण अहिरोइय-पूर्ण अहिहरअ-देवालय अहेल्ल-ईश्वर आ | आइंधण-परिधान आउल्लय--जहाज चलाने का काष्ठमय उपकरण-विशेष | आकड़िय-बाहर निकाला हुआ आकासिय-पर्याप्त, काफी आगमेसि-आगामी आडंबर-पटह आडविअ-चूर्णित आडियत्तिय-१ शिविका-वाहक पुरष । २ सुभट आकुंभण-गड़बड़ आडोर-चंडाल, श्वपच आणक्क-तिर्यक्, तिरछा आणिक्क-तिर्यक्-तिर्यगर्थे देशी आदअ-दर्पण आप्पण-पिष्ट, आटा आभिट्ट--भिडना आभिट्ट-१ प्रवृत्त । २ समभिगत, जाना हुआ आभिट्ठ-भिड़ना आभिडिय-१ भिड़ा हुआ। २ प्रवृत्त आभेडिय-प्रवृत्त आमल्लअ-धम्मिल्ल-रचना, जूडा बांधने की कला आयल्ल-१ व्याकुल । २ चाह । ३ कामपीडा आयल्लया–बेचैनी आयल्लिय-१ आक्रान्त, व्याप्त । २ उत्कंठित । ३ पीड़ित आरंतिअ-मालाकार आरायण-युद्ध रचना आ-१ स्मरण, याद । २ समन्तात्, __चारों ओर आअ-दही आअट्टिआ-१ परायत्त । २ नववधू आअर-मुसल आअलण-रतिगृह आअल्ल-केशबंध आअल्लय-आकांक्षा आअल्लियय-उत्कण्ठित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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