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________________ www.jainelibrary.org उसभो | अजिमओ | संभवो अभिनंदणो सुमती |पउमप्पभो| सुपासो | चंदप्पहो | पुप्फदंतो | सीयलो | सेजंसो वासुपुज्जो| विमलो | अणतो | धम्मो भरहो | सागरो सागरो | . . . मघवं तिविट्ठ दुविठू | सयंजू | वंद्र | सांज पुरिसो. त्तमो पुरिस सीहो ४५० । ४०० । ३५० | ३०० | २५० | २०० १०० ७० ४५ - ४२॥ धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं ८४०००००/७२०००००/६००००००००००००/४००००००/३००००००/२०००००००००००००/२००००० १०००००८४०००००/७२०००००/६००००००/३००००००/१००००००/५००००० वरिस | लक्वं वरिस | वरिस | वरिस लक्ख लक्ख लक्खं पुव्वलक्खं पुव्वलक्खं पुन्वलक्खं पुवलक्खं पुज्वलक्खं पुन्वलक्ख पुवलक्ख पुव्वलक्वं पुवलक्खं पुन्वलक्खं| वरिस | वारिस लक्खं लक्ख (६७) अभिधानराजेन्द्रः संती | कुंए | अरो | . . . | मल्ली | मुणिम For Private & Personal Use Only एम। णेमी पासो | वद्यमाणो सणं कुमारोग संती | कुंथू | अरो सुभूमो | . पउमो हरिसेणो जयनामा . बंभदत्तो . | . | • | पुरिपुंडो . | दत्तो नारायणो || कराहो ४१॥ | २५ । २० | १६ | १५ | १२ | १० | ७ | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं | धनूसतं धनूसतं | धनू | हत्या | हत्था ३०००००। १००००० १५००० ८४०००। ६५००० । ६०००० | ५६००० । ५५००० ३०००० | १२००० १०००० । ३००० | १००० । ७०० परिस वरिस । वरिस | बरिस | वरिस । लक्वं सहस्सं सहस्सं | सहस्स वरिस | वरिस | वरिस । वरिस | वरिस | वरिस | वरिस वरिस सहस्स सहस्स सहस्सं सहस्सं | सहस्सं सहस्स सहस्सं | सहस्सं वरिससतं वरिससतं वरिसं Jain Education International
SR No.016041
Book TitleAbhidhan Rajendra kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendrasuri
PublisherAbhidhan Rajendra Kosh Prakashan Sanstha
Publication Year1986
Total Pages1064
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, & agam_dictionary
File Size38 MB
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