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________________ जैन आगम : वनस्पति कोश 243 विमर्श-प्रज्ञापना १/४८/४ में इसके स्थान पर है। इसकी ही एक जाति विलम्बी या बेलुबुनामक होती माढरी शब्द है। इसलिए इस शब्द के लिए माढरी शब्द है। इसके फल कमरख जैसे किन्तु कुछ छोटे होते हैं। देखें। आयुर्वेदीय तथा पुराणादि ग्रंथों में इसका कर्मरंग नाम से उल्लेख पाया जाता है। कार, कर्मरक आदि इसके मोद्दाल प्राचीन नाम हैं। इसका पेड़ छोटा मध्यम आकार का बहुत एवं मोद्दाल (मुद्गर) कमरख जं २/८1 सघन शाखायुक्त होता है । पत्ते अंडाकार, दो अंगुल लम्बे मुद्गरः ।पुं। स्वनामख्यातपुष्पवृक्षविशेषे, मल्लिका । तथा १ से १.५ अंगुल चौड़े, कुछ नुकीले, सीकों में लगते वृक्षे, कर्मरङ्ग वृक्षे। मल्लिकापुष्पभेदे। हैं। पुष्प वर्षाकाल के अंत में, गुच्छों में छोटे-छोटे किंचित् (वैद्यक शब्द सिन्धु पृ०८२६) रक्ताभ श्वेतवर्ण के लगते हैं। फल पुष्पों के झड़ जाने विमर्श-ऊपर मुद्गर के चार अर्थ किए गए है। पर शरद या शीतऋतु में ५ या ६ फांकों वाले, हरे रंग आग मदगरक का एक ही अथ मिलता है-कम्मरग। के कछ लम्बे और मोटे से फल लगते हैं जो एकदम इसलिए प्रस्तुत प्रकरण में कर्मरङ्ग (कमरख) अर्थ ही। हा खट्टे होते हैं। पूस या माघ मास में ये फल पक कर पीले ग्रहण कर रहे हैं। पड़ जाते हैं। परिपक्व फल २.५ से ३.५ इंच लम्बा तथा देखें मोद्दालक शब्द । लगभग दो इंच चौड़ा होता है। यह रस से पूर्ण खटमीठा होता है। कहीं-कहीं इसका फल मीठा भी होता है। बीज मोद्दालक फल के मध्य भाग में लम्बे और चपटे होते हैं। मोद्दालक (मुद्गरक) कमरख जीवा०३/५८२ (धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग २ पृ०१३५) मुद्गरकः ।पुं। कर्मरङ्गवृक्षे। (वैद्यक शब्द सिन्धु पृ०८२६) मुद्गरक के पर्यायवाची नाम मोयई कारः कर्मरक: पीतफलः कर्मरश्च मुद्गरकः। मोयई (मोचकी) शाल्मली, भ० २२/२ प० १/३५/१ मुद्गरफलश्च धाराफलकस्तु कर्मारकश्चैव ।।१०८ // मोचका (की) स्त्री। शाल्मलीवृक्षे कर्मार, कर्मरक, पीतफल, कर्मर, मुद्गरक, मुद्गरफल, धाराफलक तथा कर्मारक ये सब कार के (वैद्यकशब्द सिन्धु पृ०८४७) मोचकी-स्त्री, वनस्पति०-शाल्मली नाम हैं। (राज०नि० ११/१०८ पृ० ३६२) अन्य भाषाओं में नाम (सुश्रुत चिकित्सा २.५४, अष्टांग संग्रह सूत्र ३,२१) हि०-कमरख, करमल । म०-कर्मर, कमलर । (आयुर्वेदीय शब्दकोश पृ०११४२) गु०-कामरांगा, कमरख। बं०-कामरङ्ग। अं० विमर्श-निघंटुओं में मोचा शब्द मिलता है परन्तु Carambola apple (फेंकरमबोल एपल)। ले0-Averrhoa मोचकी नहीं। इसलिए इसके पर्यायवाची नाम नहीं दिए Carambola (एवेहोआ कॅरेम्बोला) Fam. Oxalidaceae जा रहे हैं। (ऑक्सेलिडेसी)। अन्य भाषाओं में नामउत्पत्ति स्थान-समस्त भारत के उष्ण प्रदेशों में हि०-सेमर, सेमल ।बं०-शिमुलगाछ, रक्तीसिमुल । विशेषतः बाग बगीचों में यह बहतायत से होता है। म०-कांटे सांवर, लाल सांवर । गु०-शेमलो, सोमुलो। विवरण-यह फलादिवर्ग की वनौषधि नैसर्गिक ते०-बुरुग चेटु । ता०-शालवधु । मा०-शेमल, सरमलो। कुल के अनुसार चांगेरादि कुल की मानी गई है। खट्टा ___ अंo-Silk Cotton Tree (सिल्क पाटन ट्री)। ले०-Bombax (खटमीठा) और मीठा भेद से यह दो प्रकार का होता । malabaricum DC (बॉम्बक्समालावारिकम्) Fam. Bombacaceae (बॉम्बेकेसी)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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