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________________ 242 अं०-Arabian Jasmine (अरबेयन जेसमिन) । ले०-Jasminum Sambac (जेसमाइनम सेम्बेक) । उत्पत्ति स्थान - मोगरा प्रत्येक बगीचे में लगाया जाता है या कृषि की जाती है । विवरण - मोगरा पुष्पवर्ग और हारसिंगारादिकुल का क्षुप होता है जो आगे चलकर बहुवर्षायु झाड़ी में परिणत हो जाता है । पत्ते बेरी के पत्तों से कुछ छोटे और विशेष रेखावाले होते हैं। मोगरे के पुष्प अपनी खुशबू के कारण से सारे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। इसकी कई जातियां होती हैं। जैसे बेलिया मोगरा - जिसकी बेल चलती है। वटमोगरा - जिसका फूल गोल होता है । सादामोगरा - जिसका झाड़ीनुमा क्षुप होता है। इसके पत्ते गोल और चमकीले हरे होते हैं। इसके फूल अत्यन्त सुगंधित और सफेद होते हैं। मोतया के फूल अधिकगोल होते हैं। फूलों की खुशबु अत्यन्त मनमोहक होती है। ये पुष्प भारत के प्रायः सभी बगीचों में लगाए जाते हैं । (धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग ५ पृ०४६२) मोग्गर मोग्गर ( मुद्गर) कमरख मुद्गर के पर्यायवाची नाम कर्मारः कर्मरकः पीतफलः कर्मरश्च मुद्गरकः । मुद्गरफलश्च धाराफलकस्तु कर्मारकश्चैव । ।१०८ || कर्मार, कर्मरक पीतफल, कर्मर मुद्गरक. मुद्गरफल, धाराफलक और कर्मारक ये सब कर्मार के संस्कृत नाम हैं। (राज० नि० ११ / १०८ पृ०३६२ ) अन्य भाषाओं में नाम प० १/३८/२ हि० - कमरख । बं० - कामरांगा । म० - कमळर, कर्मर । क० - दारेहुलि । गु० - कमरख । ते० - तमर्ता | ता० - तमर्ते । अं० - Carambola (करम्बोला) । ले०Averrhoa Carambola Linn (एवेहोआ कॅरम्बोला) | Fam. Oxalidaceae (ऑक्सेलिडेसी) । उत्पत्ति स्थान- यह गरम प्रान्तों की वाटिकाओं में रोपण किया जाता है । विवरण- इसका वृक्ष छोटा १५ से 30 फीट ऊंचा एवं सदा हरित होता है और शाखाएं बहुत होती हैं। पत्ते Jain Education International HODVOODO एक HODODA 1000 फल काट देखें मोग्गरशब्द | जैन आगम वनस्पति कोश कसौदी के पत्तों के समान अंडाकार और नुकीले होते हैं। फूल छोटे-छोटे सफेद या किंचित् लाली लिए आते हैं। फल ३ से ४ इंच लम्बे, पांच कोने वाले गूदेदार, सुगंधित, हरे रंग के एवं पकने पर पीले रंग के होते हैं । कच्ची अवस्था में इनका स्वाद कषाय रहता किन्तु पकने पर किंचित् मधुराभ अम्ल हो जाता है। इसके दो प्रकार खट्टे एवं मीठे पाये जाते हैं। जिनमें से मीठा बंगाल की तरफ होता है । इसका साग, चटनी, अचार एवं शर्बत बनाया जाता है। इससे लोह आदि धातुओं में लगी जंग छुड़ाई जाती है। (भाव० नि० आम्रादिफलवर्ग० पृ० ५६७) मोढरी ( **** For Private & Personal Use Only मोग्गर गुम्म मोग्गर गुम्म ( मुद्गरगुल्म) मोगरा गुल्म जीवा०३ / ५८० जं०२/१० फल पुष्प काट मोढरी ) अतिविसा भ० २३/६ www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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