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________________ ६८ ११३१ सूक्ष्म तेउकाय में ( सुहुम ते काइया) जहा सुहुम पुढविकाइयाणं । सूक्ष्म ते काय में तीन लेश्या होती है । *१३*२ बादर तेउकाय में ( बायर ते काश्या ) तिन्नि लेस्सा | लेश्या - कोश बादर ते काय में तीन लेश्या होती है । * १४ वायुकाय में : देखो ऊपर तेउकाय के पाठ ( १३ ) तीन लेश्या होती है । * १४१ सूक्ष्म वायुकाय में ( सुहुम वाउकाइया ) - जहा तेउकाइया । सूक्ष्म वायुकाय में तीन लेश्या होती है। बादर वायुकाय में तीन लेश्या होती है। * १५ वनस्पतिकाय में *१४*२ बादर वायुकाय में ( बायर वाउकाइया) सेसं तं चेव ( सुहुम वाउकाइया ) 1 जीवा० प्रति १ । सू २४ । पृ० ११० - जीवा प्रति १ । सू २५ । पृ० १११ - जीवा० प्रति १ । सू २६ | पृ० १११ Jain Education International - जीवा० प्रति १ | सू २६ | पृ० १११ (क) आउवणस्सइकाइयाणवि एवं चेव ( जहा पुढविकाइयाणं ) । - पण्ण० प १७ | उ २ । सू १३ | पृ० ४३८ (ख) असुरकुमाराणं चत्तारि लेस्सा पन्नत्ता, तंजहा - कण्हलेस्सा नीललेस्सा काऊलेस्सा तेऊलेस्सा XX एवं X X आउवणस्सइकाइयाणं । वनस्पतिकाय में तीन संक्लिष्ट लेश्या होती है । - ठाण० स्था० ४ | उ ३ । सू ३६५ | पृ० २४० (ग) भवणवश्वाणमंतर पुढविआउवणस्सइकाइयाणं च चत्तारि लेस्साओ । - ठाण० स्था २ । उ १ । सू ७२ | पृ० १८४ वनस्पतिकाय के जीवों में चार लेश्या होती है । (घ) असुरकुमाराणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ पन्नत्ताओ, तंजहा - कण्हलेस्सा नीललेस्सा काऊलेस्सा x x एवं पुढविकाइयाणं आउवणस्सइकाइयाणं वि । - ठाण० स्था ३ । उ १ । सू १८१ । पृ० २०५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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