SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 108
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लेश्या-कोश (घ) असुरकुमाराणं चत्तारि लेस्सा पन्नत्ता, तंजहा-कण्हलेस्सा नीललेस्सा काऊलेस्सा तेऊलेस्सा xx एवं x x आउवणस्सइकाइयाणं । -ठाण० स्था ४ । उ ३ । सू ३६५ । पृ० २४० अपकाय के जीवों में चार लेश्या होती हैं। (ङ)असुरकुमाराणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ पन्नत्ताओ,तंजहा-कण्हलेस्सा नीललेस्सा काऊलेस्साxx एवं पुढ विकाइयाणं आउवणस्सइकाइयाणं वि। -ठाण० स्था ३ । उ १ । सू १८१ । पृ० २०५ अपकाय में तीन संक्लिष्ट लेश्या होती है। १२.१ सूक्ष्म अप्काय में | (सुहुम आउकाइया ) जहेव सुहुम पुढविकाइयाणं । -जीवा० प्रति १ । सू १६ । पृ० १०६ सूक्ष्म अप्काय में तीन लेश्या होती है। .१२.२ बादर अपकाय में (बायर आउकाइया) चत्तारि लेस्साओ। -जीवा० प्रति १ । सू १७। पृ० १०६ बादर अपकाय में चार लेश्या होती है। १२.३ अपर्याप्त बादर अपकाय में चार लेश्या होती है। '१२.४ पर्याप्त बादर अपकाय में __ तीन लेश्या होती हैं। १३ तेउकाय में (क) ते वाउबेइदियतेइंदियचरिंदियाणं जहा नेरक्याणं । —पण्ण पद १७ । उ २ । सू १३ । पृ० ४३८ (ख) तेउवाउबेइंदियतेइ दियचउरिदियाणं वि तओ लेस्सा जहा नेरइयाणं । -ठाण० स्था ३ । उ १ । सू १८१ । पृ० २०५ (ग) तेउवाउबेइदियतेइ दियचउरिदियाणं तिन्नि लेस्साओ। - ठाण० स्था २ । उ १ । सू ७२ । पृ० १८४ तेउकाय में तीन लेश्या होती है। (घ) जइ ते उकाइएहितो (भविए पुढविकाइएसु) उववज्जति x x तिम्नि लेक्साओ। -भग० श० २४ । उ १२ । प्र १६ । पृ० ८३१ पृथ्वीकाय में उत्पन्न होने योग्य तेउकायिक जीव में तीन लेश्या होती है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy