SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 729
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पुद्गल-कोश ७ शब्द सं हन्यमानानां भिद्यमानानां च पुद्गलानां ध्वनिरुपः परिणामः शब्दः । प्रायोगिको वैत्रसिकश्च । प्रयत्नजन्यः प्रायोगिक :- भाषात्मकोऽभाषात्मको वा । स्वभावजन्यो वस्त्रसिकः- मेघादिप्रभवः । ६३७ अथवा जीवाजीव मिश्रभेदादय त्रेधा । मूर्तोऽयं नहि अमूर्त्तस्य आकाशस्य गुणो भवति श्रोत्रेन्द्रियग्राह्यत्वात् न च श्रोत्रन्द्रियममूत्तं गृहणाति इति । — जैन सिदी ० प्र १ । सू १५ टीका पुद्गलों का संघात और भेद होने से जो ध्वनि रूप परिणमन होता है, उसे शब्द कहते हैं । वह दो प्रकार का है - प्रायोगिक और वैस्रसिक। किसी प्रयत्न के द्वारा होने वाला शब्द प्रायोगिक है । वह दो प्रकार का है— भाषात्मक और आभाषात्मक | स्वभाव जन्य शब्द को वैस्रसिक कहते हैं, जैसे- मेघ का शब्द | प्रकारान्तर से शब्द के तीन भेद किए जाते हैं— जैसे—जीव शब्द, अजीव शब्द और मिश्र शब्द | शब्द अमूर्त - आकाश का गुण नहीं हो सकता, क्योंकि इसे श्रोत्रेन्द्रिय के द्वारा ग्रहण किया जाता है । श्रोत्रेन्द्रिय के द्वारा अमूर्त विषय का ग्रहण नहीं हो सकता । इससे यह सिद्ध होता है कि शब्द मूर्त है । मूर्त द्रव्य अमूर्त आकाश का गुण नहीं हो सकता | शब्दो द्विविधः भाषालक्षणो विपरीतश्चेति । भाषालक्षणो द्विविधः साक्षरोऽनक्षरश्चेति । अक्षरीकृतः शास्त्राभिव्यञ्जकः संस्कृतविपरीतभेदादार्यम्लेच्छव्यवहारहेतुः । अनक्षरात्मको द्वीन्द्रियदीनामतिशयज्ञानस्वरूपप्रतिपादन हेतुः । स एष सर्वः प्रायोगिकः । अभाषात्मको द्विविधः प्रायोगिको वैत्रसिकश्चेति । वैत्रसिको वलाहकादिप्रभवः । प्रायोगिकश्चतुर्धा, ततविततधनसौषिरभेवात् । Jain Education International - सर्वार्थसिद्धि अ ५ । सू २४ | टीका भाषा रूप शब्द और अभाषा रूप शब्द - इस प्रकार शब्दों के दो भेद हैं । भाषात्मक शब्द दो प्रकार का है- - साक्षर व अनक्षर। और जिसमें आर्य और म्लेच्छों का व्यवहार चलता है इससे विपरीत शब्द ये सब साक्षर शब्द है । जिसमें शास्त्र रचे जाते हैं और ऐसे संस्कृत शब्द और जिससे उनके सातिशय ज्ञान के स्वरूप For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy