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________________ ( २४४ ) सम्यगमिथ्यादष्टि जीव-राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर उभय वचनयोगी सम्यग्दृष्टि जीव-राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग मृषावचनयोगी सम्यमिथ्यादृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग सत्यवचनयोगी सम्यगमिथ्यादृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग उभय मनोयोगी सम्यगमिथ्यादृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग मृषामनोयोगी सम्यमिथ्यादृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग सत्यमनोयोगी सम्यमिथ्यादृष्टि जीव राशि है। ___ ओघ सासादनसम्यगदृष्टि जीव राशि से ओघ सम्यगमिथ्यादृष्टि जीव राशि संख्यातगुणी है-यह सूत्र सिद्ध है। अब ओघ सम्यगमिथ्यादृष्टि जीव राशि के संख्यातवें भाग प्रमाण सत्यमनोयोगी सम्यगमिथ्यादृष्टि जीव राशि ओघ सासादनसम्यगदृष्टि जीव राशि से संख्यातगुणी कैसे हैं। आगे इसी विषय के पूछने पर कहते हैं—योगकाल के गुणकार से सम्यमिथ्यादृष्टि जीव राशि की अपेक्षा सासादनसम्यगदृष्टि जीव राशि का गुणकार बहुत है, अतः सत्यमनोयोगी, सम्यग्दृष्टि जीव राशि भागाभाग में मृषा मनोयोगी सम्यग्दृष्टि का प्रमाण आने के अनन्तर जो एक भाग शेष रहता है, उसका संख्यातवां भाग है । यद्यपि इस विषय में सूत्र या व्याख्यान नहीं पाया जाता है, किन्तु आचार्यों के वचन ही केवल पाये जाते हैं, जिससे यह कथन जाना जाता है। सत्यमनोयोगी सम्यगमिथ्यादृष्टि जीव राशि के अनन्तर जो एक भाग शेष रहे उसके संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग वैक्रियिक काययोगी सासादन सम्यगदृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग अनुभय वचनयोगी सासादन सम्यगदृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग उभय वचनयोगी सासादनसम्यग्दृष्टि जीव राशि है । शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग मृषा वचनयोगी सासादन-सम्यग्दृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग करने पर बहुभाग सत्य मनोयोगी सासादन सम्यगदृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग करने पर उनमें से बहुभाग औदारिक काययोगी असंयत सम्यगदष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग औदारिक काययोगी सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के असंख्यात खण्ड करने पर बहुभाग औदारिक काययोगी सासादन सम्यग्दृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग औदारिक काययोगी संयतासयत जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग अनुभय वचनयोगी संयतासंयत जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग उभय वचनयोगी संयतासंयत जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग मृषा वचनयोगी संयतासंयत जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग सत्य वचनयोगी संयतासंयत जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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