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________________ ( २४३ ) सम्माइट्ठिरासी होदि । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा कम्मइयकायजोगिअसंजदसम्माइद्विरासी होदि। सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा ओरालियमिस्सकायसासणसम्माइट्ठिरासी होदि। सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा वेउत्वियमिस्सकायजोगिसासणा होति। सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा कम्मइयकायजोगिसासणसम्माइदिरासी होदि। सेसं जाणिऊण यव्वं । -षट्० खण्ड ० १, २ । सू १२३ । टीका । पु ३ । पृष्ठ० ४०४ से ४०८ अब भागाभाग को बतलाते हैं-सर्व जीव-राशि के संख्यात खण्ड करने पर उनमें से बहुभागप्रमाण औदारिककाययोगी जीव-राशि है। शेष एक भाग के असंख्यात खण्ड करने पर बहुभागप्रमाण औदारिकमिश्रकाययोगी जीव-राशि है। शेष एक भाग के अनन्त खण्ड करने पर बहुभागप्रमाण कार्मणकाययोगी मिथ्यादृष्टि राशि है। शेष एक भाग के अनन्त खण्ड करने पर बहुभागप्रमाण सिद्ध जीव है। शेष एक भाग के असंख्यात खण्ड करने पर बहुभाग अनुभय वचनयोगी मिथ्यादृष्टि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग वैक्रियिककाययोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के असंख्यात खण्ड करने पर उनमें से बहुभाग उभय वचनयोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग मृषा वचनयोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग सत्यवचनयोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग अनुभय मनोयोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग उभय मनोयोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग मृषा मनोयोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग सत्य मनोयोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के असंख्यात खण्ड करने पर बहुभाग वैक्रियिकमिश्रकाययोगी मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग बैंक्रियिककाययोगी असंयतसम्यगदृष्टि जीव है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग अनुभय वचनयोगी असंयतसम्यगदृष्टि जीव-राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहभाग उभयवचनयोगी असंयतसम्यग्दृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर मृषा वचनयोगी असंयतसम्यग्दृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग सत्य वचनयोगी असंयतसम्यग्दृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग अनुभयमनोयोगी असंयतसम्यग्दृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग उभय मनोयोगी असंयतसम्यग्दृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग मृषा-मनोयोगी असंयतसम्यगदृष्टि जीव राशि है। शेष एक भाग के असंख्यात खण्ड करने पर बहुभाग सत्य मनोयोगी असंयतसम्यग्दृष्टि जीव राशि है । शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग वैक्रियिककाययोगी सम्यगदष्टि जीव-राशि है। शेष एक भाग के संख्यात खण्ड करने पर बहुभाग अनुभय वचनयोगी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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