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________________ ( १७४ ) दगदा तिण्हं लोगाणमसंखेज्जदिभागे, पर-तिरियलोगेहितो असंखेज्जगुणे अच्छति । उववादं णत्थि, मणजोग-वचिजोगाणं विवक्खादो। योगमार्गणानुसार पांच मनोयोगी और पांच वचनयोगी जीव स्वस्थान व समुद्घात की अपेक्षा कितने क्षेत्र में रहते हैं ? यहाँ स्वस्थान में दोनों स्वस्थान और समुद्घात में वेदनासमुदघात, कषायस मुद्घात, वैक्रियिकसमुद्घात, तेजससमुद्घात, आहारकसमुद्घात एवं मारणान्तिकसमुद्घात हैं। क्योंकि, उत्तर शरीर को उत्पन्न करनेवाले मारणान्तिकसमुद्घात प्राप्त जीवों के भी मनोयोग व वचनयोग होने में कोई विरोध नहीं है। मनोयोगी व वचनयोगी जीवों के उपपादपद नहीं है क्योंकि उनमें काययोग को छोड़कर अन्य योगों का अभाव है। पांच मनोयोगी व पांच वचनयोगी जीव स्वस्थान व समुद्घात की अपेक्षा लोक के असंख्यातवें भाग में रहते हैं। अस्तु स्वस्थान-स्वस्थान, विहारवत्स्वस्थान, वेदनासमुद्घात, कषायसमुद्घात और वैक्रियिकसमुद्घात को प्राप्त ये दश ही जीव तीन लोकों के असंख्यातवें भाग में, तिर्यग्लोक के संख्यातवें भाग में और अढाईद्वीप से असंख्यातगुणे क्षेत्र में रहते हैं। तैजससमुद्घात व आहारकसमुद्घात को प्राप्त उक्त जीव चार लोकों के असंख्यातवें भाग और अढाईद्वीप के संख्यातवें भाग में रहते हैं। मारणान्तिकसमुद्घात को प्राप्त उक्त जीव तीन लोकों के असंख्यातवें भाग में तथा मनुष्य तथा तिर्यग्लोक की अपेक्षा असख्यातगुणे क्षेत्र में रहते हैं। उपपादपद नहीं है, क्योंकि मनोयोग व वचनयोग की यहाँ विवधा है। .०२ काययोगी कितने क्षेत्र में .०४ औदारिकमिश्र काययोगी कितने क्षेत्र में _कायजोगि-ओरालियमिस्सकायजोगी सत्थाणेण समुग्घादेण उववादेण केवडिखेत्ते? -षट्० खण्ड० २ । ६ । सू ५४ । पु ७ । पृष्ठ० ३४१ टोका-सुगममेदं। सव्वलोए। -षट्० खण्ड ० २ । ६ । सू ५५ । पु ७ । पृष्ठ० ३४१ । २ टीका-एदस्स सुत्तस्स अत्थो वुच्चदे। तं जहा–सत्थाण-वेयण-कसायमारणंतियउववादेहि सव्वलोगे। कुवो? आपंतियादो। विहारवदिसत्थाणवेउव्वियपदेहि कायजोगिणो तिण्हं लोगाणमसंखेजदिभागे, तिरियलोस्स संखेज्जदिमागे, अड्डाइज्जादो असंखेज्जगुणे। कुदो? जगपवररस असंखेज्ददि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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