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________________ ( ९८ ) सयोगी अक्रियावादी जीव नरकायु, तिर्यंचायु, मनुष्यायु और देवायु चारों प्रकार की आयु बांधते हैं । इसी प्रकार सयोगी विनयवादी तथा सयोगी अज्ञानवादी भी चारों प्रकार की आयु बांधते हैं । कृ -२१ अयोगी क्रियावादी जीव का समवसरण की अपेक्षा से आयुष्य-बन्ध अलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियाबाई किं णेरइयाउयं - पुच्छा । गोयमा ! जो परइयाउयं पकरेs, णो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेइ, णो मणुस्साउयं पकरेइ, णो देवाउयं पकरेइ x x x । अजोगी जहा अलेस्सा x x x - भग० श ३० । उ १ । सू १७ और २२ अयोगी क्रियावादी जीव न नरकायु बांधता है, न तिर्यंचायु बांधता है, न मनुष्यायु बांधता है और न देवायु बांधता है । • २२ सयोगी नारकी और अक्रियावादी की अपेक्षा आयुष्यबंध २३ •२४ "3 अज्ञानवादी विनयवादी 17 11 ( रइया) जे अकिरियाबाई, अण्णाणियवाई, वेणइयवाई ते सव्वाणेसु वि णो णेरइयाउयं पकरेइ, तिरिक्खजोणियाउयं विपकरेइ, मणुस्साउयं विपकरेइ, णो देवाउयं पकरेइ । - भग० श ३० । उ १ । सू २४, २५ सयोगी - मनोयोगी - वचनयोगी व काययोगी अक्रियावादी, अज्ञानवादी व विनयवादी नारकी - तिर्यंच का भी आयुष्य बांधते हैं, मनुष्य का भी आयुष्य बांधते हैं। नैरयिक व देव का आयुष्य नहीं बांधते हैं । - २५ सयोगी नारकी और क्रियावादी की अपेक्षा आयुष्यबंध सलेस्साणं भंते ! × × × एवं सव्वे वि णेरइया जे किरियाबाई ते मणुसाउयं एवं पकरेइ | - भग० श ३० । उ १ । सू २५ सयोगी - मनोयोगी - वचनयोगी व काययोगी क्रियावादी नारकी एकमात्र मनुष्य का ही आयुष्य बांधते हैं । Jain Education International - २६ सयोगी असुरकुमार यावत् स्तनितकुमार और क्रियावादी की अपेक्षाआयुष्यबंध एवं जाव थणियकुमारा जहेव णेरइया । - भग० श ३० । उ १ । सू २५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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