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________________ ( ९५ ) ०६ वैक्रियमिश्र काययोगी जीव को नियमा- भजना ०७ आहारक काययोगी जीव की ०८ आहारक मिश्र 39 91 #1 11 11 11 वेविवयमिसकायजोगी आहारकायजोगी आहारमिस्सकायजोगी सिया अस्थि सिया णत्थि । -षट्० [० खं २ । ४ । सू ११ । पु ७ । पृष्ठ० २४० क्रियमिश्र काययोगी, आहारक काययोगी तथा आहारकमिश्र काययोगी कदाचित् रहते हैं, कदाचित् नहीं भी रहते हैं 1 - ३३ सयोगी जीव और समवसरण - १ सलेस्सा णं भंते ! जीवा कि किरियावाई - पुच्छा । गोयमा ! किरियाबाई वि, अकिरियावाई वि, अण्णाणियवाई वि, वेणइयवाई वि । एवं जाव सुक्कलेस्सा । x x x । सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा 1 - भग० शे ३० 1 उ १ 1 सू ३-६ Jain Education International सयोगी जीव क्रियावादी भी होते हैं, अक्रियावादी भी हैं, अज्ञानवादी भी हैं तथा विनयवादी भी हैं 1 मनोयोगी, वचनयोगी व काययोगी जीव क्रियावादी भी हैं, अक्रियावादी भी हैं, अज्ञानवादी भी है, व विनयवादी भी है । - २ अलेस्सा णं भंते ! जीवा - पुच्छा । गोयमा ! किरियावाई, णो अकिरियावाई, णो अण्णाणियवाई, णो वेणइयवाई । x x x । अजोगी जहा अलेस्सा | - भग० श ३० । ३१ । ४-६ अयोगी जीव क्रियावादी होते हैं; अक्रियावादी, अज्ञानवादी तथा विनयवादी नहीं होते हैं । •३ सयोगी नारकी और समवसरण ससी णं भंते । मेरइया कि किरियाचाई ? एवं चैव । एवं जाव काउलेस्सा । xxx एवं एएणं कमेणं जच्चेव जीवाणं वत्तव्वया सच्चेव रयाणं वत्तव्वया वि जाव अणागारोबउत्ता । णवरं जं अस्थि तं भाणियव्वं, सेसं णं भण्णइ । -- भग० श ३० । १ । स ६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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