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________________ मेलाव - मोअग मेलाव देखो मेलव | मेलाव पुंन [मेल ] मिलाप, संगम । मेलावग देखो मेलय । मेलावड (अप) देखो मेलय । मेलावय देखो मेलावग । मेली स्त्री [दे] संहति, मेला । मेलीण देखो मिलीण । मेल्ल देखो मिल्ल | मेल्लावयवि [मोचित] छुड़वाया हुआ । मेव देखो एव । मेवाड देखो मेअवाडय | मेवाढ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष मेस पुं [मेष] मेंढा, भेड़ । राशि- विशेष | मेह पुं [मेघ] जलघर । कालागुरु सुगन्धी धूप- द्रव्य । भ. सुमतिनाथ का पिता । एक जैन-महर्षि । राजा श्रेणिक का एक पुत्र 1 एक देव-विमान । छन्द-विशेष । एक वणिक्-पुत्र । एक जैनमुनि | देव- विशेष । मुस्तक, ओषधि । एक राक्षस । राग-विशेष । एक विद्याधरनगर । 'कुमार पुं. श्रेणिक का पुत्र । °ज्झाण पुं [°ध्यान]राक्षसवंशीय लंकापति । 'अ पुं [नाद] रावण पुत्र । पुर न. वैताढ्य के दक्षिण का एक नगर । मुह पुं [°मुख] देव-विशेष । एक अन्तद्विप । उसका निवासी । रव नं. विन्ध्य-स्थली का जैन तीर्थ । वाण [ वाहन ] लंका का राजा । राक्षस वंश का आदिपुरुष । रावण का पुत्र | 'सीह पुं [°सिंह] विद्याधर- वंश का राजा । देखो मेघ । मेह पुं. सेचन । प्रमेह रोग | मेरा देखो मेघंकरा । मेहच्छीर न [दे] जल । मेहण न [ मेहन] झरन । मूत्र । पुरुष लिंग । मेहर पुं [दे] गाँव का मुखिया । मेहरि पुंस्त्री [] काष्ठ-कीट, घुन । मेहरिया | स्त्री [दे] गानेवाली स्त्री । मेहरी Jain Education International ६६९ मेहलय पुंब. [ मेखलक ] देश-विशेष । मेहला स्त्री [मेखला ] काञ्ची, करधनी । मेहलिज्जिया स्त्री [ मेखलिया ] एक जैन मुनि शाखा । मेहा स्त्री [ मेघा ] चमरेन्द्र की महिषी इन्द्राणी | मेहा स्त्री [ मेधा ] बुद्धि, मनीषा, प्रज्ञा । "अरवि[°कर ] बुद्धि-वर्धक । पुं. छन्दविशेष | हा स्त्री [मेधा] अवग्रह- ज्ञान । महावई देखो मेघ - aई । महावण न [ मेघवर्ण] विद्याधर नगर । मेहविवि [मेधाविन्] बुद्धिमान्, प्राज्ञ । मेहि देखो मेढि । मेहि वि [मेहिन्] प्रस्रवण करनेवाला । मेहिय न [मेधिक ] एक जैन मुनि कुल । मेहिल पुं [मेधिल ] भगवान् पार्श्वनाथ के वंश का एक जैन मुनि । मेहुण न [ मैथुन ] रति क्रिया । मेहुणय पुं [ दे] फूफा का लड़का । मेहुणिअ पुं [दे] मामा का लड़का । मेहुणिया स्त्री [ दे] साली । मामा मेहुन्न देखो मेहुण । मेरेअ न [ मैरेय ] मद्य-विशेष । पुत्री । मो अ इन अर्थों का सूचक अव्यय - अवधारण, निश्चय । पाद-पूर्ति | मोअ सक [मुच्] छोड़ना, त्यागना । मोअ सक [मोचय्] छुड़वाना । मोअ पुं [मोद] हर्ष, खुशी । मोअ वि [] अधिगत । पुं. चिर्भट आदि का बीजकोश | पेशाब | 'पडिमा स्त्री [प्रतिमा ] प्रस्रवण का नियम । मोअइ पुं [मोचक] वृक्ष-विशेष | मोअग वि [मोचक ] मुक्त करनेवाला । मोअग पुं [ मोदक ] लड्डू, मिष्टान्न विशेष | न. एक छन्द | देखो मोदअ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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