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________________ ६७० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष मोअणा स्त्री [मोचना ] परित्याग | छुटकारा । मोट्टाय अक [रम् ] क्रीड़ा करना । मुक्त कराना । मोअय देखो मोअग । मोआ स्त्री [मोचा] कदली वृक्ष । मोआव सक [मोचय्] छुड़वाना । मोइल पुं [दे] मत्स्य-विशेष । मोंड देखो मुंड = मुण्ड । मोक पुं [मो] सर्प-कंचुक | मोकल्ल सक [दे] भेजना । मोक्क देखो मुक्क - मुक्त मोक्कणिआ मोक्क} स्त्री [दे] कृष्ण कणिका, कमल का काला मध्य भाग । मोक्कल देखो मोकल्ल । मोक्कल देखो मुक्कल । मोक्कलय व [] प्रेषित । विसृष्ट । मोक्ख देखो मक्ख = मोक्ष | मोक्ख देखो मुक्ख = मूर्ख | मोक्ख न [ दे] वनस्पति- विशेष । मोग्गड पुं [दे] देखो मुग्गड मोग्गर पुं [दे] मुकुल, कलिका, बौर । मोग्गर पुं [मुद्गर] मुगरा, मोगरी । कमरख का पेड़ | मोगरा पुष्प का गाछ । मुग्गर । पाणि पुं. एक जैन महर्षि । मोग्गरिवि [] संकुचित, मुकुलित । देखो मोग्गलायण } न [ मौद्गलायन, 'ल्या° ] मोग्गल्लायण गोत्र - विशेष । पुंस्त्री. उस गोत्र में उत्पन्न । मोग्गाह देखो मुग्गाह । मोघ देखो मोह मोघ । मोच देखो मोअ = मोचय् । मोचन [ दे] अर्धजंघी, एक प्रकार का जूता । मोच देखो मोअ = (दे) 1 मोचग देखो मोअग = मोचक । मोट्टाइअ न [र] रति-क्रीड़ा | मोट्टाइअ न [ मोट्टायित] प्रियकथा आदि में भावना से उत्पन्न चेष्टा । Jain Education International मोट्टिन [] बलात्कार | देखो मुट्टिम । मोड सक [ मोटय् ] मोड़ना, टेढ़ा करना । भाँगना । मोड पुं [दे] जूट, लट 1 मोडग व [मोटक] मोड़नेवाला । मोढ पुं. एक वणिक् कुल । मोढेरयन [ मोढेरक ] नगर - विशेष । मोण न [ मौन] मुनिपन, चुप्पी । 'चर वि. मौन व्रतवाला । पय न [[पद] संयम, चारित्र । मोणावणा स्त्री [दे] प्रथम प्रसूति के समय पिता की ओर से उत्सव पूर्वक निमन्त्रण | मोत्त देखो मुत्त = मुक्त | मोत्ता देखो मुत्ता । मोत्ति देखो मुत्ति = मुक्ति । मोत्ति देखो मुत्तिअ मोती । दाम न. छन्दविशेष | मोत्तुं मुंच = मुच् का संकृ. । मत्त मुंच का . । मोत्थ देखो मुत्थ । मोदअ देखो मोअग = मोदक | मोब्भ [दे] देखो मुब्भ । मोर पुं [दे] चाण्डाल । मोअणा-मोरी मोर पुं. मयूर, छन्द - विशेष | 'बंध j['बन्ध] एक प्रकार का बन्धन ।° सिहा स्त्री ['शिखा ] एक महौषधि । मोरउल्ला मोरकुल्ला मोरंड पुं [दे] तिल आदि का मोदक खाद्य । मोरग वि [ मायूरक] मयूर के पिच्छों से निष्पन्न | } अ. व्यर्थ | For Private & Personal Use Only मोरत्तय पुं [दे] श्वपच । मोरिय पुं [ मौर्य ] क्षत्रिय वंश । उसमें उत्पन्न । '' [पुत्र] महावीर का एक गणधर । मोरी स्त्री. मोरनी । विद्या - विशेष । www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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