SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 654
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भौच्छ-मइल भोच्छ भंज का भवि. । भोज भुंज का कृ. । भोट्टंत पुं [भोटान्त ] भोटान देश । वहाँ का - रहनेवाला | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष भोण देखो भोअण । भोत्त देखो भुत्त । भोत्त भुंज का कृ. । भोत्तव्व भुंज का कृ. । भोत्ता भू = भुव = भू का संकृ. । भवि [भोक्तृ] भोगनेवाला । भोत्तुं भुंज का कृ. । भुंज का संकृ. । भोत्तूण देखो भुत्तूण । भोदूण भू = भुव = भू का संकृ. 1 भोमवि [ भौम ] भूमि - सम्बन्धी । भूमि में उत्पन्न । भूमि का विकार । पुं. मंगल ग्रह | पुं. नगराकार विशिष्ट स्थान | नगर । भूमि Jain Education International म म पुं. ओष्ठ - स्थानीय व्यञ्जन वर्ण- विशेष | म अ [मा] मत, नहीं । अस्त्र [ मृगया ] शिकार । इस्त्री [मृति] मौत | मइ स्त्री [मति] बुद्धि । इन्द्रिय और मन से होनेवाला ज्ञान। °अन्नाण न [ अज्ञान] विपरीत या मिथ्यादर्शन-युक्त मति- ज्ञान । णाण, ण्णाण न [ज्ञान] ज्ञान-विशेष । 'नाणावरण न [ 'ज्ञानावरण] मति-ज्ञान का आवरक कर्म । 'नाणि वि ['ज्ञानिन् ] मति - ज्ञानवाला । पत्तिया स्त्री ['पात्रिका] एक जैन मुनि - शाखा | भंस पुं [भ्रंश ] बुद्धि-विनाश | 'म, मंत, 'वंत वि [ मत्] बुद्धिमान् । मइ° देखो मई = मृगी । मइअवि [मत्त ] मद-युक्त, उन्मत्त । ६३५ कम्पादि से शुभाशुभ फल बतलानेवाला शास्त्र | अहोरात्र का सत्ताईसवां मुहूर्त्त । लियन [क] भूमि सम्बन्धी मृषावाद । भोमिज्ज देखो भोमेज्ज । भोमिर देखो भमिर । भोमेज्जवि [ भौमेय ] भूमि का विकार | भोमेयग पार्थिव । पुं. भवनपति देवजाति । भोरुड पुं [दे] भारुंड पक्षी । भोल सक [दे] ठगना । भोल वि [दे] भद्र, सरल चित्तवाला । भोलग पुं [भोलक] यक्ष- विशेष | भोलव सक [दे] ठगना । भोल्लय न [ दे] प्रबन्ध प्रवृत्त पाथेय । भोवाल (अप) देखो भू-वाल । भोहा (अप) देखो भू = भ्रू त्रि (अप) भंति मइरा मइरेय • भ्रान्ति । मइअ देखो मा = मा मइअ वि [ दे. मतिक ] भत्सित । न बोये हुए बीजों के आच्छादन का काष्ठमय खेती का एक औजार । मइअ वि [य] तद्धितप्रत्यय, निवृत्त, बना हुआ । मइआ स्त्री [ मृगया ] शिकार । मइंद पुं [मैन्द] राम का एक सैनिक वानर । इंद पुं [ मृगेन्द्र ] सिंह । एक छन्द । मइज्ज देखो मईअ = मदीय । मइमोहणी स्त्री I 1 मदिरा | स्त्री [मदिरा] । न [मैरेय] । मइल वि [मलिन] मैला, मल, अस्वच्छ । मइल पुं [दे] कलकल, कोलाहल । मइल वि[दे. मलिन] तेज-रहित, फीका । मइल सक [ मलिनय् ] मलिन बनाना । For Private & Personal Use Only - [दे. मतिमोहनी ] www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy