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________________ पिणिधा-पिवासा संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पिणिधा सक [पिनि +धा] देखो पिणद्ध = | पिब्ब न [दे] पानी। पि+नह। पिम्म पुं [प्रेमन्] प्रीति । पिण्णिया स्त्री [दे. पिण्यिका] गन्ध द्रव्य पियाल पुं [प्रियाल] खिरनी का पेड़ । न. विशेष, ध्यामक, गन्ध-तृण । फल-विशेष, खिरनी, खिन्नी । पिण्ही स्त्री [दे] क्षामा, कृश स्त्री। पियास (अप) स्त्री [पिपासा] प्यास । पित्त पुंन, शरीर-स्थित तिक्त धातु-विशेष । | पिरिडी स्त्री [दे] शकुनिका, चिड़िया । ज्जर पुं [ज्वर] पित्त से होता बुखार । पिरिपिरिया देखो परिपिरिया। °मुच्छा स्त्री [°मूर्छा] पित्त की प्रबलता पिरिली स्त्री. गुच्छ-विशेष, वनस्पति-विशेष । से होनेवाली बेहोशी। वाद्य-विशेष । पित्तल न, धातु-विशेष, पीतल । पिल देखो पील। पित्तिज्ज। पुं [पितृव्य] चाचा, पिता का पित्तिय ) भाई। पिलखु । पुं [प्लक्ष] पिलखन का पेड़ । पिलक्खु ) एक तरह का पीपल का वृक्ष । पित्तिय वि [पैत्तिक] पित्त-सम्बन्धी । पिलण न [दे] पिच्छिल देश, चिकनी जगह । पिधं अ [पृथक्] जुदा। पिला देखो पीला। पिधाण देखो पिहाण। पिलाग न [पिटक] फोड़ा, फुनसी । पिन्नाग , पुं [पिण्याक] तिल आदि का पिलिखु देखो पिलंखु । पिन्नाय । तेल निकालने पर बची हुई | पिलिहा स्त्री [प्लीहा] अंग-विशेष । खली। पिलुअन [दे] छोंक। पिपीलिअ पुं [पिपीलक] चीऊँटा । पिलुक । देखो पिलखु । पिप्पड सक [दे] जो मन में आवे सो बकना । | पिलक्ख , पिप्पडा स्त्री [दे] ऊर्णा-पिपीलिका। पिलुंखु देखो पिलखु । पिप्पडिअ वि [दे] न. बड़बड़ाना, निरर्थक पिलुटु वि [प्लुष्ट] दग्ध । उल्लाप, बकवाद । पिलोस पुं [प्लोष] दाह, दहन । पिप्पय पुं [दे] मशक । पिशाच, भूत । वि. | पिल्ल देखो पेल्ल = क्षिप् । उन्मत्त। पिल्ल सक [प्र । ईरय] प्रेरणा करना। पिप्पर पुं [दे] हंस । वृषभ । पिल्लग न [दे] पक्षी का बच्चा। पिप्परी स्त्री [पिप्पली] पीपर का गाछ। पिल्लि स्त्री [दे] यान-विशेष । पिप्पल पुंन [पिप्पल] पीपल वृक्ष, अश्वत्थ पिल्लिअ वि [क्षिप्त] फेंका हुआ । वृक्ष । छुरा। पिल्लिरी स्त्री [दे] गण्ड्डत् तृण । चीरी, पिप्पलग वि [पैष्पलक] पीपल के पान का ___ कीट-विशेष । धर्म, पसीना । बना हुआ। पिल्लुग (दे) देखो पिलुअ। पिप्पलि । स्त्री [पिप्पलि, °ली] ओषधि- पिल्ह न [दे] छोटे पक्षी के तुल्य । पिप्पली । विशेष, पीपर । पिव देखो इव। पिप्पिडिअ देखो पिप्पडिअ । पिव सक [पा] पीना। पिप्पिया स्त्री [दे] दाँत का मैल । पिवासय वि [विपासक] पीने का इच्छुक । पिब देखो पिअ = पा। | पिवासा स्त्री [पिपासा] प्यास । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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