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पविद्धत्थ-पवेसणय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
५६३ होना । विनष्ट होना।
पविहर सक [प्रवि+ह] विहार करना । पविद्धत्थ वि [प्रविध्वस्त] विनष्ट । पविहस अक [प्रवि + हस्] हसना । पविभत्ति स्त्री [प्रविभक्ति] पृथक्-पृथक् पवीइय वि [प्रवीजित] हवा के लिए चलाया विभाग।
हुआ। पविभाग पुं [प्रविभाग] ऊपर देखो । पवीण वि [प्रवीण] निपुण, दक्ष । पविमुक्क वि [प्रविमुक्त] परित्यक्त ।। पवीणी देखो पविणी। पविमोयण न [प्रविमोचन] परित्याग । पवील सक [प्र+पीडय] दमन करना । पविय वि [प्राप्त प्राप्त ।।
पवुच्च देखो पवय = प्र + वच् । पवियंभिर वि [प्रविम्भित] उल्लसित पवुट्ठ वि [प्रवृष्ट] खूब बरसा हुआ, जिसने प्रभूत होनेवाला । उत्पन्न होनेवाला ।
__ वृष्टि की हो वह । पवियक्किय न [प्रवितकित] विकल्प, वितर्क । | पवुड्ढ वि [प्रवृद्ध] बढ़ा हुआ, विशेष वृद्ध । पवियक्खण वि [प्रविचक्षण] विशेष प्रवीण । | पवुड्ढि स्त्री [प्रवृद्धि] बढ़ाव । पवियार पुं [प्रवीचार] काया और वचन की | पवुत्त वि [प्रोक्त] जिसने बोलना आरम्भ किया चेष्टा-विशेष । काम-क्रीड़ा।
_हो वह। पवियारण न [प्रविचारण] संचार । पवुत्थ [दे] देखो पउत्थ । पवियास सक [प्रवि + काशय] फाड़ना, पवुद वि [प्रवृत] प्रकर्ष से आच्छादित । खोलना।
पवूढ वि [प्रव्यूढ] धारण किया हुआ । पवियासिय वि [प्रविकासित] विकसित किया | निर्गत ।
पवेइय वि [प्रवेदित] निवेदित, प्रतिपादित । पविरइअ वि [दे] त्वरित, शीघ्रता-युक्त ।। विज्ञात । भेंट किया हुआ। पविरंज सक [भ] भांगना, तोड़ना।
पवेइय वि [प्रवेपित] कम्पित । पविरंजव वि [दे] स्निग्ध, स्नेह-युक्त । पवेज्ज सक [प्र+वेदय] विदित करना । पविरंजिअ वि [दे] स्निग्ध, स्नेह-युक्त । कृत- भेंट करना । अनुभव करना । निषेध, निवारित।
पवेढिय वि [प्रवेष्टित] घिरा हुआ, बेढ़ा हुआ। पविरल वि [प्रविरल] अनिबिड । विच्छिन्न । |
| पवेय देखो पवेज अत्यन्त थोड़ा।
पवेयण न [प्रवेदन] प्ररूपण, प्रतिपादन । पविरल्लिय वि [दे] विस्तारवाला। देखो ज्ञान, निर्णय । अनुभावन । पवित्थरिल्ल।
पवेविय वि [प्रवेपित] प्रकम्पित । पविरिक्क वि [प्रविरिक्त] एकदम शून्य । पवेविर वि [प्रवेपितृ] कांपनेवाला। पविरेल्लिय [दे देखो पविरल्लिय । पवेस सक [प्र + वेशय] घुसाना। पविलुप सक [प्रवि+लुप्] बिलकुल नष्ट | पवेस पुं [प्रवेश] भीत की स्थूलता। पैठ, करना ।
| घुसना । नाटक का एक हिस्सा । पविलुत्त वि [प्रविलुप्त] बिलकुल नष्ट । पवेस पुं प्रद्वेष] अधिक द्वेष । पविस सक [प्र+विश्] प्रवेश करना, घुसना । | पवेसण पुंन [प्रवेशन,°क] प्रवेश, पैठ। पविसू सक [प्रवि + सू] उत्पन्न करना। पवेसणग विजातीय जन्मान्तर में उत्पत्ति, पविस्स देखो पविस।
पवेसणय - विजातीय योनि में प्रवेश ।
हुआ।
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