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________________ पडिअर -पडिय परिहार करना । डिअर सक [ प्रति + कृ] बदला चुकाना । इलाज करना | स्वीकार करना । पडिअर पुं [दे] चुल्हे का मूल भाग । पडिअर पुं [परिकर ] परिवार । पडिअरग वि [ प्रतिचारक ] सेवा - शुश्रूषा करनेवाला | पडिअरणा स्त्री [ प्रतिचरणा] बीमार की सेवा शुश्रूषा । भक्ति, आदर, सत्कार । आलोचना, निरीक्षण | प्रतिक्रमण, पाप-कर्म से निवृत्ति । सत्-कार्य में प्रवृत्ति । पडिअलि वि [दे] त्वरित, वेग-युक्त । पडिआइय सक [ प्रत्या + पा] फिर से पान संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष आना । पsिs स्त्री [ पतिति] पतन, पात । इंद पुं [प्रतीन्द्र ] देव राज इन्द्र । इन्द्र के तुल्य वैभववाला देव । वानर-वंश के एक राजा का नाम । पडिइंधण न [ प्रतीन्धन ] इन्धनास्त्र का प्रतिपक्षी अस्त्र । पक्कि देखो पक्कि ६५ Jain Education International पडिउंचण न [ दे] अपकार का बदला । पडिउंबण न [ परिचुम्बन] संगम, संयोग | पडिउच्चार सक [ प्रत्युत् + चारय् ] उच्चारण करना, बोलना । पडिउज्जम अक [ प्रत्युद् + यम् ] सम्पूर्ण प्रयत्न ५१३ करना । डिउ वि [ प्रत्युत्थित] जो फिर हुआ हो वह । पडिउष्ण देखो परिपुण्ण । पडिउत्तर न [ प्रत्युत्तर ] जवाब | पडिउत्तरण न [ प्रत्युत्तरण] पार उतरना । पडिउत्ति स्त्री [दे] खबर, समाचार । पडिउत्थ वि [ पर्युषित] सम्पूर्ण रूप से अवस्थित | करना । पडिआइय सक [प्रत्या + दा] फिर से ग्रहण पडिउद्ध वि [ प्रतिबुद्ध] जागृत | प्रकाश-युक्त | पडिउवयार पुं [ प्रत्युपकार] उपकार का बदला, प्रतिफल | करना । पडिआगय वि [ प्रत्यागत ] वापस आया हुआ, लौटा हुआ । न प्रत्यागमन, वापस पडिउस्सस अक [ प्रत्युत् + श्वस् ] पुनर्जीवित होना । आना । पडिआयण न [ प्रत्यापन ] फिर से पान | पडिआयण न [ प्रत्यादान ] फिर से ग्रहण | पडिआर पुं [प्रतिकार] चिकित्सा । पडिऊल देखो पडिकूल । पडिएत्तए देखो पsिs का हेकृ. 1 पडिएलिअ वि [] कृतार्थ | बदला, पडिओसह न [ प्रत्यौषध ] एक औषध का प्रतिपक्षी औषध | शोध पूर्वाचरित कर्म का अनुभव । पडिआर पुं [ प्रत्याकार ] तलवार की म्यान । पडिआर पुं [ प्रतिचार ] सेवा-शुश्रूषा । पडिआर वि [ प्रतिचारक ] सेवा-शुश्रूषा करनेवाला | पsिs क [ प्रति + इ] पीछे लौटना, वापस पडसुआ देखो पडंसुआ = प्रतिश्रुत् । पडद वि [ प्रतिश्रुत] स्वीकृत | पडिकं वि [ प्रतिकण्टक ] प्रतिस्पर्धी । पडित देखो पडिक्कंत । खड़ा sa [ प्रतिकर्तृ] इलाज करनेवाला । पडिकप सक [ प्रति + कृप्] सजावट करना । पडिकम देखो पडिक्कम । पडिकमय न देखो पडिक्कमय । पक्किम न [ प्रतिकर्मन्, परिकर्मन् ] देखो परिक्रम्म | For Private & Personal Use Only पकिय वि [ प्रतिकृत] जिसका बदला चुकाया गया हो वह । न प्रतीकार, बदला । www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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