SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 492
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दुखाना। दुस्सिलिट्ठ-दूणावेढ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ४७३ दुस्सिलिट्र वि [दुश्श्लिष्ट] कुत्सित श्लेषवाला । | दुहा अ [द्विधा] दो तरफ, उभयथा । °इअ वि दुस्सील वि [दुश्शील] दुष्ट स्वभाववाला ।। [कृत] जिसको दो खण्ड किये गये हों वह । व्यभिचारी। | दुहाकर सक [द्विधा + कृ] दो खण्ड करना । दुस्सुमिण पुंन [दुस्स्वप्न] खराब स्वप्न । | दुहाव सक [छिद्] छेदना, खण्डित करना । दुस्सुय न [दुश्श्रुत] दुष्ट शास्त्र । वि. श्रुति- | दुहाव सक [दुःखय] दुःखी करना, दुभाना, कटु । दुस्सेज्जा देखो दुस्सिज्जा। दुहावण वि [दुःखन] दुःखी करनेवाला । दुह सक [दुह] दूहना, दूध निकालना। दुहि वि [दुःखिन्] दुःखी, व्यथित, पीड़ित । दुह सक [द्रुह ] द्रोह करना, द्वेष करना, वैर | दुहिअ वि [दुःखित] पीड़ित, दुःखयुक्त । करना। दुहिअ वि [दुग्ध] जिसका दोहन किया गया हो दुह देखो दोह = दोह। वह । दुज्झ वि [°दोह्य] फिर-फिर दोहने योग्य । दुह देखो दुक्ख = दुःख । °अ वि [°द] दुःखजनक । "ट्ट वि [त] दुःख से पीड़ित । | दुहिआ [दुहित] पुत्री । °दइअ ' [°दयित] जामाता। ट्टिय वि [पतित] दुःख से पीड़ित । 'ट्ठ पुं दुहिण पुं [मुहिण] ब्रह्मा, चतुर्मुख । [°ार्थ] नरक-स्थान । °त्त देखो ट्ट। °फास दहित्त पुं [दौहित्र] लड़की का लड़का, नाती। पुं[स्पर्श] दुःख-जनक स्पर्श । °भागि वि दुहित्तिया स्त्री[दौहित्रिका]लड़की की लड़की, [भागिन्] दुःख में भागीदार । °मच्चु पुं नतिनी । [मृत्यु] अपमृत्यु, अकाल मौत । विवाग दुहित्ती स्त्री [ दौहित्री ] लड़की की लड़की, पुं[विपाक] दुःखरूप कर्म-फल । °सिज्जा, | नतिनी या नातिन । °सेज्जा स्त्री [ शय्या] दुःख-जनक शय्या । दुहिदिआ (शौ) स्त्री [दुहित] कन्या । वह वि. दुःख-जनक । दुहिल वि [द्रुहिल] द्रोही। दुह" देखो दुहा। दू सक. उपताप करना । काटना । दुहअ वि [दे] चूर-चूर किया हुआ । दूअ पं [दूत] सन्देश-हारक । दुहअ वि [दुर्हत] खराब रीति से मारा हुआ। दुआ देखो धूआ। दुहअ वि द्विहत] दो से मारा हुआ। दूइ° देखो दुई। °पलासय न [°पलाशक] दुहअ देखो दुब्भग। एक चैत्य । दुहओ अ [द्विधातस] दोनों तरफ से, उभय | दूइज्ज सक [द्रु]गमन करना, विहरना, जाना । प्रकार से। दूइत्त न [दूतीत्व] दूती का कार्य, दूतीपन । दुहंड वि [द्विखण्ड] दो टुकड़ेवाला । दुई स्त्री [दूती] दूत के काम में नियुक्त की दुहग देखो दुब्भग। हुई स्त्री, कुटनी । जैन साधुओं के लिये भिक्षा दुहट्ट वि [दुर्घट्ट] दुर्वार। का एक दोष । °पिंड पुं[°पिण्ड] समाचार दुहण देखो दुघण। पहुँचाने से मिली हुई भिक्षा । देखो दूइ । दुहण पुं [द्रुहण] प्रहरण-विशेष ।। दूण वि [दून] हैरान किया हुआ । दुहण न [दोहन] दोहना। दूण पु [दे] हाथी। दुहदुहग पुं [दुहदुहक] 'दुह-दुह' आवाज । दूण (अप) देखो दुउण। दुहव देखो दूहव। दूणावेढ वि [दे] अशक्य । तालाब । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy