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________________ अट्ठ-अठ्ठाणवइ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष २७ अट्ट पु [अर्थ] संयम । पुन वस्तु, पदार्थ।। विह वि [विध | आठ प्रकार का । °वीस विषय । शब्द का अभिधेय, वाच्य । तात्पर्य । स्त्रीन [°ाविंशति] अट्ठाईस । °सट्टि स्त्री परमार्थ । हेतु । इच्छा । उद्देश्य । धन । फल, [षष्टि] अठसठ । 'समइय वि [°सामयिक] लाभ । मोक्ष । °कर पु मंत्री । निमित्त जिसकी अवधि आठ 'समय' की हो वह । शास्त्र का विद्वान् । °जाय वि [°जातार्थ] °सय न [°शत] एक सौ आठ । °सहस्स न जिसकी आवश्यकता हो, जिसका प्रयोजन हो [सहस्र] एक हजार और आठ । °सामइय वह । °जाय वि [°याच] धनार्थी । °सइय देखो °समइय । °सिर वि [°शिरस्, °सिर] वि [°शतिक] जिसका सौ अर्थ हो सके ऐसा अष्ट-कोण । °सेण पु [°सेन] देखो अट्ठि(वचन आदि)। °सेण पु [°सेन] देखो | सेण । हत्तर वि [°सप्ततितम] अठत्तरवाँ । अट्टिसेण, देखो अत्थ = अर्थ । हत्तरि स्त्री | सप्तति अठत्तर की संख्या । हा अ [धा] आठ प्रकार का । अट्र [ अष्ठन् ] आठ । °चत्ताल वि [°चत्वा- | अट न काष्ठ] काष्ठ, लकड़ी। रिश] अठतालीसवाँ । °चत्तालीस त्रि | अटुंग वि [अष्टाङ्ग] जिसके आठ अंग हों [°चत्वारिंशत्] अठतालीस । 'टुमिया स्त्री | वह । °णिमित्त न [निमित्त वह शास्त्र [°ष्टिमिका] जैन साधुओं का ६४ दिन का | जिसमें भूमि, स्वप्न, शरीर, स्वर, आदि आठ एक व्रत, प्रतिमा विशेष । 'तालीस वि विषयों के फलाफल का प्रतिपादन हो । [°चत्वारिंशत् ] अठतालीस । °तीस त्रि °महाणिमित्त न [°महानिमित्त] देखो [ °ात्रिंशत् ] अठतीस । °तीसइम वि अनन्तर-उक्त अर्थ । [°त्रिंश] अठतीसवाँ । त्तरि स्त्री | अटुंस वि [अष्टास्र] अष्ट-कोण । [°सप्तति] अठत्तर । °त्तीस त्रि [°त्रिंशत्] अठतीस । दस त्रि [°दशन्] अठारह । अदिट्ठि स्त्री [अष्टदृष्टि]. योग की आठ 'दसुत्तरसय वि [°दशोत्तरशत्] एक सौ | दृष्टियाँ, वे ये हैं :-मित्रा, तारा, बला, अठारहवाँ । दह त्रि [°दशन्] अठारह । दीप्रा, स्थिरा, कान्ता, प्रभा और परा । °पएसिय वि [प्रदेशिक] आठ अवयव अट्ठय न [अष्टक] आठ का समूह । वाला । °पया स्त्री [°पदा] छन्द-विशेष । अट्ठा स्त्री [अष्टा] मुष्टि । मुट्ठीभर चीज । °पाहरिअ वि [प्राहरिक] आठ प्रहर संबंधी । भाइया स्त्री [ भागिका] तरल वस्तु नापने | अट्ठा स्त्री [अर्थ] वास्ते । "दंड पु कार्य के का बत्तीस पलों का एक परिमाण । °म न लिए की गई हिंसा । तेला, लगातार तीन दिनों का उपवास । अट्ठाइस वि [अष्टाविंश] अठाईसवाँ । मंगल पुन स्वस्तिक आदि आठ मांगलिक | अट्ठाइस ) स्त्रीन [अष्टाविंशति] अठाईस । वस्तु । °मभत्त पुन [°मभक्त] तेला, लगातार तीन दिनों का उपवास । मभत्तिय वि अट्ठाण न [अस्थान] अयोग्य स्थान । कुत्सित [°मभक्तिक] तेला करनेवाला । °मी स्त्री स्थान । अयोग्य । अष्टमी । °मुत्ति पु[मूर्ति] महादेव । °याल | अट्ठाण न [ आस्थान ] सभा, सभा-गृह । त्रि [ °चत्वारिंशत् ] अठतालीस । °ववन्न | अट्ठाणउइ स्त्री [अष्टानवति] अठानबे । त्रि [पञ्चाशत्] अट्ठावन । °वरिस, 'वारिस | अट्टाणउय वि [अष्टानवत] अठानबेवाँ । वि [ °वार्षिक ] आठ वर्ष की उम्र का । | अट्ठाणवइ देखो अढाणउइ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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